बहुत से लोग जब इन्वेस्ट करने की सोचते हैं, और वह अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो उसके बाद उनके मन में यही सवाल चलता है, कि शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए , ताकि उनको एक अच्छा रिटर्न्स मिल सके। लेकिन बहुत से लोगों को इस चीज के बारे में पता न होने पर वह किसी भी स्टॉक्स में बिना सोचे इन्वेस्ट करके अपने मन मुताबिक कभी भी बेच लेते हैं।
तो चलिए आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा, कि आपको शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए।
शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए –
शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए , इस सवाल में सफल निवेशक वारेन बफेट का कहना है, कि हमें ऐसे समय में इन्वेस्ट करना चाहिए, जिस समय पूरा मार्केट डरा हुआ रहता है, और उस समय अपने शेयर को बेच लेने चाहिए, जिस समय पूरा मार्केट लालची बना रहता है।

सरल शब्दों में समझें तो जिस समय लोग शेयर में शेयर खरीद रहे हैं, उस समय आपको डर में रहना चाहिए, और आपको उस समय इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए। और जिस समय पूरा मार्केट डर रहा हो, तो आपको उस समय में अधिक से अधिक शेयर को खरीदना चाहिए।
आज के समय में लोगों को चाहिए, कि वह आज इन्वेस्ट करें और कल वह अमीर बन जाएं, और इसी सोच के साथ लोग बैंक, एफडी, म्यूचुअल फंड और गोल्ड में पैसे न लगा करके अपना सारा ऐसा शेयर मार्केट में लगा लेते हैं। लेकिन आपको बता दें ऐसा होना बहुत ही कठिन काम है, जोकि शेयर मार्केट से ऐसा कभी नहीं होता है।
शेयर मार्केट में शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए, तो इसका एक शब्द में उत्तर है, – सीखकर। यदि आप शेयर मार्केट में बिना सोचे समझे इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको एक बड़ा लॉस भी हो सकता है। और इसमें अधिकांश चांसेस हैं, कि आप किसी पैनी स्टॉक में फंस जाएंगे। और आपको एक बड़ा नुकसान भी देखने को मिल सकता है।
बहुत से लोगों को तो यही मालूम नही होता कि आखिर शेयर मार्केट काम कैसे करता है, इसके कायदे कानून क्या हैं, और डायरेक्ट ही इन्वेस्ट करने की दौड़ में उतर जाते हैं। और अपना नुकसान कर बैठते हैं। लोगों को लगता है, कि जो शेयर अपट्रेंड में चल रहे होते हैं। वह आगे भी all time high को तोड़ कर के उप्पर की ओर बढ़ते ही रहेंगे। और वह यह सोच कर ही इन्वेस्ट कर लेते हैं। लेकिन होता ठीक इसके विपरीत है।
- म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) क्या है।
- इन्वेस्टमेंट ( Smart Investment) को समझिए।
- फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) क्या है।
जहां पर निवेशक पैसे लगते हैं, वहीं से मार्केट गिरना शुरू कर देता है। और अधिकतर नए निवेशक को ऐसे ही देखने को मिलता है।
ऐसी स्तिथि में यह समझ नहीं आता की आखिर हमें शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए। ताकि हम निवेश करके एक अच्छा रिटर्न्स प्राप्त कर सकें। तो चलिए जानते हैं, उन तरीके को जिससे हम यह डिसाइड कर सकते हैं, कि शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए।
शेयर कब खरीदना चाहिए
शेयर खरीदने से पहले आपको यह पता होना चाहिए, कि आप जिस कंपनी के शेयर को खरीद रहे हो, उस कंपनी के फंडामेटल और टेक्निकल दोनों अच्छे हैं, या फिर बिगड़े हुए हैं। यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस को नहीं जानते हो तो आपको बता दें, कि इसके अंदर बहुत से फैक्टर आते हैं, जैसे की–
- कंपनी का बिजनेस कैसे चल रहा है।
- कंपनी का मैनेजमेंट सिस्टम कैसा है।
- कंपनी का पैसे कमाने का सोर्स क्या है।
- कंपनी के मैनेजमेंट के लोग कैसे हैं।
- कंपनी के उप्पर कितना कर्जा है।
- कंपनी ने जितना कर्जा ले रखा है, क्या वह उसका भुगतान करने में सक्षम है, या फिर नहीं।
- आईपीओ निकलने के बाद कंपनी निवेशकों को कितना परसेंट रिटर्न्स दे सकती है।
- कंपनी के साथ अन्य कौन सी कंपनी इसके कंपीटीशन में हैं। और उनकी क्या योजनाएं हैं।
- भविष्य में कंपनी की क्या योजनाएं हैं।
* शेयर इंटरिंसिक वैल्यू से कम कीमत पर हो–
जब भी किसी कंपनी के शेयर अपनी इंट्रिंसिक वैल्यू पर चल रही होती है, तो उसे तब Buy कर लेना चाहिए। ऐसा करने से आपको एक अच्छा रिटर्न्स मिल सकता है। इंट्रिंसिक वैल्यू में किसी भी शेयर की कीमत अपने रियल वैल्यू से कम प्राइस पर चल रही होती है। इसलिए किसी भी शेयर को तब खरीदना चाहिए, जब वह अपने इंट्रिसिक वैल्यू पर चल रही होती है।

* कंपनी का क्वार्टरली रिजल्ट देखना–
कोई भी कंपनी जो शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है, वह हर तीन महीने में अपना क्वार्टरली रिजल्ट पेश करती है। जिसमें की कंपनी अपने रेवेन्यू और खर्चे जैसे चीजों को बताती हैं। जिसमें कंपनी ने कितना प्रॉफिट किया है और कितना खर्चा कंपनी ने अपने उप्पर किया है इसके अलावा पिछले क्वार्टर के मुकाबले कितना नेट प्रॉफिट कंपनी ने इस क्वार्टर में किया है, यह सभी चीजें इसमें बताई जाती हैं।
शेयर को कब बेचना चाहिए–
शेयर को आपको तब बेचना चाहिए, जब पूरा मार्केट लालची बन रहा हो। याने की जब पूरे मार्केट में लोग शेयर यह समझ के ले रहे हो, कि मार्केट अभी और उप्पर जाएगा। या फिर बढ़ता ही रहेगा। उस समय आपको अपनी थोड़ी बहुत टेक्निकल नॉलेज की मदद से अपने टारगेट को लेकर के निकल जाना है।
वैसे मेरी सलाह तो आपको यह रहेगी की आप इन्वेस्टमेंट को लॉन्ग टर्म के लिए hold कर के रखें। ऐसे में आपको एक अच्छा रिटर्न्स देखने को मिल सकता है। शॉर्ट टर्म में आपका रिटर्न्स कम या फिर ज्यादा हो सकता है। और आप पैनिक में आ कर के उस शेयर से बाहर निकल जाएंगे।