Skip to content
Knowledge gyaan.xyz

Knowledge gyaan.xyz

More you learn,, More you earn

  • Home
    • Privacy Policy
    • About us
    • Contact Us
    • Sample Page
  • Stock Market
  • Finance related
  • Insurance
  • Mutual Fund
  • Future and Option
  • Cryptocurrency
  • Difference
  • Demat Account
  • Business World

Demat Account

Stock market me volume kya hota hai

October 5, 2022 by admin

आपने बहुत बार निवेशकों के मुंह से जरूर सुना होगा कि इसका वॉल्यूम इतना बढ़ा या फिर इतना गिरा। उस समय आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर Stock market me volume kya hota hai / शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है।

तो चलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको मैं बताऊंगा कि शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है। (Stock market me volume kya hota hai) इसके साथ साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है। आखिर शेयर मार्केट में वॉल्यूम की क्या भूमिका है।

शेयर बाजार में वॉल्यूम क्या होता है। (Stock market me volume kya hota hai)

स्टॉक मार्केट में हमें वॉल्यूम यह दिखलाता है, कि किसी एक निश्चित समय में कितने शेयर को खरीदा और बेचा गया है। या फिर उस समय में कितने शेयरों में ट्रेड किया गया है। अर्थात जितने शेयर को बेचा और खरीदा जाता है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है।

Stock market me volume kya hota hai

आपको बता दें, कि खरीदे हुए शेयर या फिर बेचे गए शेयर की संख्या जितनी अधिक होगी चार्ट में स्टॉक्स का उतना ही ज्यादा बढ़ जाएगा। और जितना ही अधिक लोग शेयर को बेचेंगे उतना ही अधिक उसका वॉल्यूम का कैंडल भी बढ़ता जाता है।

  • स्टॉक मार्केट (Stock Market) क्या होता है।
  • शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए।

सरल शब्दों में कहा जाए तो एक निश्चित समय में ट्रेड किए गए शेयर की संख्या को वॉल्यूम कहा जाता है।

वॉल्यूम = शेयर के कुल नंबरों के संख्या।

इसका अर्थ यही हुआ की एक समय अंतराल के दौरान कितने शेयर को खरीदा और बेचा गया है। तब उन सभी शेयर को गिनने में जो संख्या आती है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है।

वॉल्यूम कितने समय में ट्रेड किया जाता है।

Stock market me volume kya hota hai– कोई भी टाइम के अंतराल में चाहे वह 1 दिन का हो, या फिर 1 महीने या फिर 1 साल का कुछ भी समय हो, उसके दौरान चाहे वह 1 मिनट हो या फिर आधे या फिर 1 घंटे का, उस समय में किसी भी कंपनी के जितने भी नंबर ऑफ शेयर को ट्रेड किया जाता है। उसे वॉल्यूम कहा जाता है। वॉल्यूम को आप अपने ब्रोकर के हिसाब से उसमे उपस्थित हर टाइम फ्रेम में देख सकते हैं।

  • डीमैट अकाउंट क्या होता है।
  • शेयर मार्केट में पैसा कब लगाना चाहिए।

ट्रेडिंग वॉल्यूम –

Stock market me volume kya hota hai – वॉल्यूम को आपने समझा कि जितने शेयर को खरीदे और बेचे जाते हैं, उनकी कुल संख्या को वॉल्यूम कहा जाता है।

ठीक उसी तरह ट्रेड लेते समय जब आप या फिर कोई भी हर बार शेयर को खरीदते और फिर उन्हें बेचते हैं, तो उनकी कुल संख्या को ट्रेडिंग वॉल्यूम कहते हैं।

इसे एक उद्धरण के तौर पर समझते हैं, माना आपने आज स्टॉक मार्केट में किसी कंपनी के 20 शेयर को खरीदा है, और कुछ समय बीत जाने के बाद आपने उन शेयर को बेच दिया तो total trading volumes जो होगा वह 40 हो जायेगा। इसमें हाई वॉल्यूम को आप यह समझ सकते हो, की बहुत से शेयर को एक जगह से दूसरी जगह ट्रेड किया जा रहा है।

  • ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) क्या होता है।
  • ट्रेडिंग vs इन्वेस्टिंग (Trading vs Investing)

शेयर के अलावा वॉल्यूम कहां प्रयोग होता है–

वॉल्यूम केवल और केवल शेयर के लिए ही नहीं बल्कि बाकी इन्वेस्टमेंट के लिए भी मापा जाता है। जैसे फ्यूचर और ऑप्शन, गोल्ड, mcx आदि चीजों में भी वॉल्यूम का प्रयोग किया जाता है। जैसे स्टॉक में नंबर ऑफ शेयर जो निश्चित समय में किया जाता है, को वॉल्यूम कहते हैं।

ठीक उसी तरह फ्यूचर और ऑप्शन में वॉल्यूम को इस तरह देखा जाता है, कि कितने लोगों ने कॉन्ट्रैक्ट्स को एक जगह से दूसरी जगह भेजा हुआ है। इसके अलावा वॉल्यूम को अन्य फाइनेंस रिलेटेड इन्वेस्टमेंट में भी प्रयोग में लाया जाता है।

  • फ्यूचर और ऑप्शन (Option or Option)
  • टैक्स सेविंग टिप्स (Tax Saving tips)

वॉल्यूम का क्या काम है–

वॉल्यूम का काम मार्केट में लिक्विडिटी और एक्टिविटी को मापना है। लिक्विडिटी को आप कुछ इस तरीके से समझ सकते हो, कि आप जितनी आसानी से स्टॉक को खरीद और बेच सकते हो उसे लिक्विडिटी कहते हैं।

इसका मतलब यह हुआ की जितना अधिक लिक्विडिटी होगी, उतने ही आसानी से हम स्टॉक को खरीद और बेच सकते हैं। साथ ही उसका वॉल्यूम भी हमको उतना ही अधिक देखने को मिलेगा। और जो स्टॉक्स अधिक लिक्विड होते हैं, उनमें वॉल्यूम भी उतना ही अधिक दिखता है।

  • लिक्विडिटी (Liquidity) क्या होती है।

वॉल्यूम क्यों महत्वपूर्ण है–

Stock market me volume kya hota hai –आपको हमेशा ट्रेड करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए, कि इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी ट्रेडिंग सेशन के दौरान जब मार्केट ओपन होता है, और जब मार्केट क्लोज होता है, उस दौरान आपको वॉल्यूम बहुत अधिक देखने को मिलता है। और बीच के समय में मार्केट कुछ भी हो सकता है। याने की लिक्विडिटी कम या फिर अधिक। इसलिए इंट्राडे ट्रेडर के लिए वॉल्यूम का देखना बहुत ही जरूरी भी बन जाता है।

इसके साथ साथ जो लोग फंडामेंटल को देख कर के इन्वेस्टमेंट करते हैं, उनके लिए भी वॉल्यूम देखना बहुत जरूरी हो जाता है। क्योंकि वह बड़े टाइम फ्रेम में देख पाते हैं, की कितने लोग किस प्राइस पर Buy or Sell कर रहे हैं।

  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) क्या होती है।
  • फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis)
Categories Stock Market, Demat Account Tags Equity, Future & options, Invest, Stock, Stock market Leave a comment

शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए।

September 26, 2022 by admin

बहुत से लोग जब इन्वेस्ट करने की सोचते हैं, और वह अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो उसके बाद उनके मन में यही सवाल चलता है, कि शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए , ताकि उनको एक अच्छा रिटर्न्स मिल सके। लेकिन बहुत से लोगों को इस चीज के बारे में पता न होने पर वह किसी भी स्टॉक्स में बिना सोचे इन्वेस्ट करके अपने मन मुताबिक कभी भी बेच लेते हैं।

तो चलिए आज के इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा, कि आपको शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए।

शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए –

शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए , इस सवाल में सफल निवेशक वारेन बफेट का कहना है, कि हमें ऐसे समय में इन्वेस्ट करना चाहिए, जिस समय पूरा मार्केट डरा हुआ रहता है, और उस समय अपने शेयर को बेच लेने चाहिए, जिस समय पूरा मार्केट लालची बना रहता है।

  • स्टॉक मार्केट (Stock Market) को विस्तार से समझिए।
  • डीमैट अकाउंट (Demat Account) क्या होता है।
शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए

सरल शब्दों में समझें तो जिस समय लोग शेयर में शेयर खरीद रहे हैं, उस समय आपको डर में रहना चाहिए, और आपको उस समय इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए। और जिस समय पूरा मार्केट डर रहा हो, तो आपको उस समय में अधिक से अधिक शेयर को खरीदना चाहिए।

आज के समय में लोगों को चाहिए, कि वह आज इन्वेस्ट करें और कल वह अमीर बन जाएं, और इसी सोच के साथ लोग बैंक, एफडी, म्यूचुअल फंड और गोल्ड में पैसे न लगा करके अपना सारा ऐसा शेयर मार्केट में लगा लेते हैं। लेकिन आपको बता दें ऐसा होना बहुत ही कठिन काम है, जोकि शेयर मार्केट से ऐसा कभी नहीं होता है।

शेयर मार्केट में शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए, तो इसका एक शब्द में उत्तर है, – सीखकर। यदि आप शेयर मार्केट में बिना सोचे समझे इन्वेस्ट करते हैं, तो आपको एक बड़ा लॉस भी हो सकता है। और इसमें अधिकांश चांसेस हैं, कि आप किसी पैनी स्टॉक में फंस जाएंगे। और आपको एक बड़ा नुकसान भी देखने को मिल सकता है।

बहुत से लोगों को तो यही मालूम नही होता कि आखिर शेयर मार्केट काम कैसे करता है, इसके कायदे कानून क्या हैं, और डायरेक्ट ही इन्वेस्ट करने की दौड़ में उतर जाते हैं। और अपना नुकसान कर बैठते हैं। लोगों को लगता है, कि जो शेयर अपट्रेंड में चल रहे होते हैं। वह आगे भी all time high को तोड़ कर के उप्पर की ओर बढ़ते ही रहेंगे। और वह यह सोच कर ही इन्वेस्ट कर लेते हैं। लेकिन होता ठीक इसके विपरीत है।

  • म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) क्या है।
  • इन्वेस्टमेंट ( Smart Investment) को समझिए।
  • फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) क्या है।

जहां पर निवेशक पैसे लगते हैं, वहीं से मार्केट गिरना शुरू कर देता है। और अधिकतर नए निवेशक को ऐसे ही देखने को मिलता है।

ऐसी स्तिथि में यह समझ नहीं आता की आखिर हमें शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए। ताकि हम निवेश करके एक अच्छा रिटर्न्स प्राप्त कर सकें। तो चलिए जानते हैं, उन तरीके को जिससे हम यह डिसाइड कर सकते हैं, कि शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए।

शेयर कब खरीदना चाहिए

शेयर खरीदने से पहले आपको यह पता होना चाहिए, कि आप जिस कंपनी के शेयर को खरीद रहे हो, उस कंपनी के फंडामेटल और टेक्निकल दोनों अच्छे हैं, या फिर बिगड़े हुए हैं। यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस को नहीं जानते हो तो आपको बता दें, कि इसके अंदर बहुत से फैक्टर आते हैं, जैसे की–

  • कंपनी का बिजनेस कैसे चल रहा है।
  • कंपनी का मैनेजमेंट सिस्टम कैसा है।
  • कंपनी का पैसे कमाने का सोर्स क्या है।
  • कंपनी के मैनेजमेंट के लोग कैसे हैं।
  • कंपनी के उप्पर कितना कर्जा है।
  • कंपनी ने जितना कर्जा ले रखा है, क्या वह उसका भुगतान करने में सक्षम है, या फिर नहीं।
  • आईपीओ निकलने के बाद कंपनी निवेशकों को कितना परसेंट रिटर्न्स दे सकती है।
  • कंपनी के साथ अन्य कौन सी कंपनी इसके कंपीटीशन में हैं। और उनकी क्या योजनाएं हैं।
  • भविष्य में कंपनी की क्या योजनाएं हैं।
  • फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental analysis) क्या है?
  • आईपीओ (IPO) क्या होता है?

* शेयर इंटरिंसिक वैल्यू से कम कीमत पर हो–

जब भी किसी कंपनी के शेयर अपनी इंट्रिंसिक वैल्यू पर चल रही होती है, तो उसे तब Buy कर लेना चाहिए। ऐसा करने से आपको एक अच्छा रिटर्न्स मिल सकता है। इंट्रिंसिक वैल्यू में किसी भी शेयर की कीमत अपने रियल वैल्यू से कम प्राइस पर चल रही होती है। इसलिए किसी भी शेयर को तब खरीदना चाहिए, जब वह अपने इंट्रिसिक वैल्यू पर चल रही होती है।

  • इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic Value) क्या होती है।
शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए

* कंपनी का क्वार्टरली रिजल्ट देखना–

कोई भी कंपनी जो शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है, वह हर तीन महीने में अपना क्वार्टरली रिजल्ट पेश करती है। जिसमें की कंपनी अपने रेवेन्यू और खर्चे जैसे चीजों को बताती हैं। जिसमें कंपनी ने कितना प्रॉफिट किया है और कितना खर्चा कंपनी ने अपने उप्पर किया है इसके अलावा पिछले क्वार्टर के मुकाबले कितना नेट प्रॉफिट कंपनी ने इस क्वार्टर में किया है, यह सभी चीजें इसमें बताई जाती हैं।

शेयर को कब बेचना चाहिए–

शेयर को आपको तब बेचना चाहिए, जब पूरा मार्केट लालची बन रहा हो। याने की जब पूरे मार्केट में लोग शेयर यह समझ के ले रहे हो, कि मार्केट अभी और उप्पर जाएगा। या फिर बढ़ता ही रहेगा। उस समय आपको अपनी थोड़ी बहुत टेक्निकल नॉलेज की मदद से अपने टारगेट को लेकर के निकल जाना है।

वैसे मेरी सलाह तो आपको यह रहेगी की आप इन्वेस्टमेंट को लॉन्ग टर्म के लिए hold कर के रखें। ऐसे में आपको एक अच्छा रिटर्न्स देखने को मिल सकता है। शॉर्ट टर्म में आपका रिटर्न्स कम या फिर ज्यादा हो सकता है। और आप पैनिक में आ कर के उस शेयर से बाहर निकल जाएंगे।

  • पैनी स्टॉक (Penny Stock) क्या होते हैं।
  • टैक्स सेविंग टिप्स (Tax Saving tips)
Categories Stock Market, Demat Account Tags Invest, Investment, Money, Stock, Stock market Leave a comment

What is Equity Share

August 8, 2022 by admin

स्टॉक मार्केट के विषय में यदि आप जरा भी जानते होंगे, तो आपने काफी बार Equity Share के बारे में जरूर सुना होगा। और फिर आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर यह Equity Share क्या होता है।

तो चलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि Equity Share क्या होता है। इसके क्या फायदे और क्या नुकसान हैं?

भारतीय स्टॉक मार्केट में शेयर के प्रकार

भारत के स्टॉक मार्केट (Stock Market) में शेयर को मुख्यत तीन भागों में बांटा गया है।

  • इक्विटी शेयर (Equity Share)
  • प्रेफरेंस शेयर (Preferance Share)
  • डीवीआर शेयर (DVR Share)

इन तीनों शेयर में से सबसे ज्यादा विख्यात शेयर Equity share है। सरल शब्दों में इसे केवल शेयर से ही जाना जाता है।

Equity Share

इक्विटी शेयर (Equity Share)

इक्विटी शेयर वह डिजिटल या फिजिकल एसेट होता है, जोकि उस कंपनी के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करती है। इक्विटी शेयर धारक जो होते हैं, वह कंपनी के मुख्य फैसलों के हकदार होते हैं। कंपनी के लाभ होने पर कंपनी द्वारा आपको एक प्रॉफिट दिया जाता है। इसे आप बाजार में खरीद अथवा बेच सकते हैं।

प्रेफरेंस शेयर (Preferance Share)

प्रेफरेंस शेयर आपको कंपनी के दिवालिया होने की स्तिथि में आपको सुरक्षा प्रधान करता है। प्रेफरेंस शेयर धारकों को आम शेयर धारकों की तुलना में पहले लाभांंश का भुगतान किया जाता है।

  • प्रेफरेंस शेयर (Prefernce Share) को विस्तार से जानें।
  • ट्रेडिंग के प्रकार (Types of Trading)
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading)

डीवीआर शेयर (DVR Share)

डीवीआर शेयर धारकों का प्रयोग शेयर धारक और कंपनी के अधिकार के मध्य अंतर के लिए करते हैं। जहां की वोटिंग पावर का अंतर होता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो डीवीआर शेयरधारक के पास इक्विटी शेयर रखने वाले शेयरधारकों की तुलना में कम या फिर ज्यादा वोटिंग राइट्स होते हैं।

इक्विटी शेयर क्या होता है, यह कैसे काम करता है?

इक्विटी शेयर (Equity Share) एक प्रकार की सुरक्षा होती है, जोकि कंपनी के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करती है। इक्विटी शेयर धारक जो होते हैं, वह कंपनी के लाभांश का हिस्सा होते हैं। और कंपनी को कैसे चलाया जाता है। इसमें बोलना उनका पूरा पूरा हक होता है। Equity share में कोई भी लाभांश तय नहीं होता है।

इक्विटी शेयर को किसी भी समय स्थानांतरित या फिर किसी भी समय बेचा जा सकता है। Equity share को कभी भी खुले बाजार से खरीदा जा सकता है, या फिर कारोबार किया जा सकता है।

इक्विटी शेयर (Equity Share) के फायदे

  • इक्विटी शेयर लाभांश की एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए कोई भी नियम नहीं बनाती है। यह आप अपनी मर्जी के हिसाब से कम या फिर ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं।
  • कंपनी के कैपिटल में बिना शुल्क लगाए बिना इक्विटी शेयर (Equity share) जारी किए जा सकते हैं।
  • कम से कम 4 इक्विटी शेयर धारक कंपनी के वास्तविक मालिक हैं, जिनके पास कि मतदान का अधिकार है।
  • यह पूंजी का स्थायी श्रोत होता है। और इसे कंपनी के परिसमापन के अलावा चुकाना होता है।

इक्विटी शेयर के नुकसान

  • कंपनी द्वारा इक्विटी शेयर जारी करने पर कंपनी इक्विटी पर ट्रेडिंग (Trading) का लाभ नहीं ले सकती है।
  • इक्विटी शेयर में कैपिटलाइजेशन का खतरा रहता है।
  • इक्विटी शेयर होल्डर खुद को व्यवस्थित करके या फिर जोड़ तोड़ करके अवरोध डाल सकता है।
  • परिपक्व अवधि होने पर बाजार में उच्च लाभांश का भुगतान करना पड़ता है। जोकि बाद में मुसीबत खड़ी कर सकता है।

भारत में इक्विटी शेयर कैसे खरीदा जाता है।

इक्विटी शेयर को आप प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट से खरीद सकते हैं। आईपीओ (IPO) और एफपीओ (FPO) को प्राइमरी मार्केट कहते हैं। और जो मान्यता प्राप्त ब्रोकर होते हैं, उन्हे सेकेंडरी मार्केट कहते हैं।

  • प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट।
  • आईपीओ (IPO) क्या है।

यदि आप भारत के निवासी है, और इक्विटी शेयर खरीदना चाहते हैं, तो आपको एक रजिस्टर्ड डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ एक डीमैट अकाउंट (Demat Account) खोलना चाहिए। और उसे अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना है। खाता सेट होने के बाद आप अपने ब्रोकर को ऑर्डर देकर अपने DP के माध्यम से शेयर को खरीद सकते हैं।

Categories Demat Account, Stock Market Tags Equity, Invest, Saving, Share, Stock, Stock market Leave a comment

Demat account kya hota hai

July 9, 2022March 31, 2022 by admin
आज के जमाने में तो हर कोई ही इनवेस्ट करना चाहता है। और अपने कैपिटल को बड़ाना चाहता है। लेकिन INVEST कैसे किया जाता है, ये बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता है। यदि आपको भी शेयर बाजार में इनवेस्ट करना है, तो आपको एक डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अब Demat account kya hota hai इसके बारे में आप जरूर सोच रहे होंगे। यदि आपको यह पता नही है, कि क्या होता है, इसे कैसे बनाया जाता है। इसका चार्ज कितना पड़ता है। और क्या बिना इसके इनवेस्ट करना संभव है, तो आज मैं इस पोस्ट के माध्यम से आपको Demat account की सारी जानकारी देने जा रहा हूं।
Demat account
Demat Account एक डीमटेरियलाइज्ड खाता होता है। जिसका द्वारा कि शेयरों और प्रतिभूतियों को एक इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सुरक्षित रखा जाता है, या फिर आपको उसकी सुविधा दी जाती है। सरल शब्दों में कहें तो इस इलेक्ट्रॉनिक रूप से तात्पर्य शेयर, ईटीएफ ( ETF ), म्यूचुअल फंडों ( Mutual fund) और सरकारी बॉन्ड्स ( Bond ) आदि सम्मिलित हैं। जिन्हे की Demat Account के अंदर सुरक्षित रखा जाता है। हमारे देश में इसकी सुविधा NSDL ( National securities depository limited) और दूसरा CDSL ( Central Depository service limited ) जैसे डिपोजिटरी द्वारा दिए जाते हैं।

Demat account क्या है–

Demat account kya hota hai – यह एक डीमटेरियलाइज्ड खाता होता है, जिसका द्वारा कि शेयरों और प्रतिभूतियों को एक इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सुरक्षित रखा जाता है। या फिर आपको उसकी सुविधा दी जाती है। सरल शब्दों में कहें तो इस इलेक्ट्रॉनिक रूप से तात्पर्य शेयर, ईटीएफ, म्यूचुअल फंडों और सरकारी बॉन्ड्स आदि सम्मिलित हैं। जिन्हे की डीमैट अकाउंट के अंदर सुरक्षित रखा जाता है। हमारे देश में इसकी सुविधा NSDL ( National securities depository limited ) और दूसरा CDSL ( Central Depository service limited ) जैसे डिपोजिटरी द्वारा दिए जाते हैं।

बहुत सालों पहले जब तक Demat account उपलब्ध नहीं था उस समय यदि किसी भी व्यक्ति को ट्रेड या फिर इनवेस्ट करना होता था, तो वह एक्सचेंज में जाता था। और उसको और उसके ब्रोकर दोनो को ही EXCHANGE में उपस्थित होना पड़ता था। और जो भी शेयर लेने की कार्यवाही होती थी वह की जाती थी। ठीक उसी तरीके से अगर व्यक्ति को अपने शेयर को बेचने भी होंगे तो उस समय भी उसको और उसके ब्रोकर को एक्सचेंज में प्रेजेंट होना पड़ता था।

आपको बता दें कि इस प्रक्रिया के लिए उनके पास एक फिजिकल सर्टिफिकेट दिया जाता था। जोकि उन्हें एक्सचेंज में लाना अनिवार्य होता था। यदि बॉयर को शेयर खरीदना है, और सेलर को अपना शेयर बेचना है तो वहां पर दोनों को प्राइस मैच करना होता था। और यदि प्राइस मैच हो जाती थी तो बॉयर, सेलर को पैसे देकर उसका शेयर रख लेता था। परंतु यह एक बहुत ही कठिन प्रोसेस थी। और इसलिए डीमैट अकाउंट को बनवाया गया, ताकि काम को सरल बनाया जा सके।

डीमैट अकाउंट के फायदे –

Demat account kya hota hai यह तो आपने जान ही लिया है। आपको यह भी बता देंते हैं, कि जब तक यह नही हुआ करता था, तब तक हमें काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ता था। इसी प्रोसेस को सरल बनाने के लिए SEBI ने डीमैट अकाउंट को प्रीफेयर किया। जोकि एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शेयर को खरीदने बेचने की प्रक्रिया है, साथ ही इसमें आपके शेयर को संभाल कर रखा जाता है। जब से Demat Account की सुविधा बनी है, तब से हमारी काफी मदद हुई, आइए जानते हैं।

1> डीमैट अकाउंट आने से हमारा बहुत सा समय बचने लगा।

2> इसके आने से हमको एक्सचेंज जाने की भी जरुरत नही है।

3> डीमैट अकाउंट को हम अपने मोबाइल या फिर PC में लॉगिन करके के अपने शेयर को खरीद और बेच सकते हैं।

4> इसके होने से हमें बायर और सेलर के प्राइस को मैच भी नही करना पड़ता है।

अकाउंट बनवाने के चार्जेस और कहां खुलवाए –

डीमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकर के साथ बना सकते हैं। ब्रोकर उसे कहा जाता है, जोकि आपको डिजिटली या फिजिकली दोनो तरीके से शेयर मार्केट में इनवेस्ट करने में मदद करता है। आपको उद्धरण के तौर पर बताऊं तो अपस्टॉक्स ( Upstox ) Angle one, zerodha, 5 painsa ये सभी ब्रोकर हैं। और आप इनमे से किसी के भी साथ जुड़कर अपना डीमैट अकाउंट खुला सकते हैं।

इसके कितने चार्जेस पड़ते है, तोह आपको बता दें, कि यदि आपको Demat Account बनवाना है, तो आपसे लगभग सभी ब्रोकर 250 से 300 रुपए लेते है। लेकिन यदि मैं अपनी राय दूं तो आपको अपना Account, UPSTOX के साथ खुलवाना चाहिए। क्योंकि अपस्टॉक्स में आपको समय समय में बहुत से प्रकार के ऑफर मिलते रहते हैं। साथ ही की तरफ से आपको शेयर मार्केट से रिलेटेड हर प्रकार की सुविधा दी जाती है। और सबसे अहम बात कि अपस्टॉक की मदद से आप Upstox Refer and Earn कर सकते हैं।

वैसे तो आज कल हर कोई ब्रोकर ही रेफर एंड अर्न को प्रेफर करवाते हैं। लेकिन मैं Upstox के साथ जुड़ने के लिए इसलिए सजेस्ट कर रहा हूं, क्योंकि बहुत बार अपस्टॉक्स में अकाउंट बनवाने का चार्ज नहीं पड़ता है। और जिस समय आपसे चार्ज लिए जाता है, उस समय आपको या तो डिजिटल गोल्ड दे दिया जाता है। या फिर UPSTOX की प्रीमियम सर्विस आपको दे दी जाती है।

UPSTOX से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें–

यहां क्लिक करें – Upstox से जुड़ने के लिए क्लिक करें।

डीमैट अकाउंट बनाने के लिए आपके पास इन डॉक्यूमेंट का होना जरूरी है।

1> पैन कार्ड ( Pan card )

2> आधार कार्ड या फिर ड्राइविंग लाइसेंस।

3> पासपोर्ट साइज की अपनी फोटो।

4> बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स।

5> खाली पेपर में अपना साइन।

Categories Demat Account Tags Broker, Demat account, Invest, Stock, Stock market Leave a comment

Upstox refer and earn

July 9, 2022March 19, 2022 by shubham negi
Upstox refer and earn

Upstox Refer and Earn | हिन्दी में |

लाखों लोग ऐसे हैं, जो अपनी नौकरी के साथ साथ शेयर बाजार में इनवेस्ट करते हैं, या फिर इन्वेस्टमेंट करने की सोच रहे हैं। और इसके जरिए एक अच्छा रिटर्न जेनरेट करके अपना पोर्टफोलियो को बड़ा करना चाहते हैं। आपको बता दें, कि अपस्टॉक्स  (Upstox) एक ट्रेडिंग कंपनी है। जिसकी मदद से आप शेयर बाजार में इनवेस्ट कर सकते हैं।

शेयर बाजार ( Share market) में इनवेस्ट करने के लिए हमें एक डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। जिसकी मदद से हम शेयर को खरीद या बेच सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है, की Upstox Refer and Earn की मदद से हम पैसे भी कमा सकते हैं।

तो चलिए आपको बताते हैं, कि आप किस तरीके से Upstox से पैसे कमा सकते हैं। Upstox Refer and Earn से 1200 रुपए upstox द्वारा आपको दिया जा रहा है। हालांकि यह Reward समय समय में बदलता रहता है, यह कभी 400 तो कभी 600 भी हो जाता है। 

Upstox Refer and Earn से पैसे कमाने की प्रोसेस–

Upstox की मदद से पैसे कमाने के लिए आपके पास Upstox में ID होनी चाहिए। और यदि आपका अकाउंट नहीं बना हुआ है, तो आप अपना अकाउंट बना सकते हैं। आपको इसमें सबसे पहले अपना अकाउंट बनाना पड़ेगा।

अकाउंट बनने के बाद आपको Upstox की एप्लीकेशन में जाकर Refer or Earn सेक्शन में जाकर के वहां से एक लिंक मिल जायेगी। जिसे की आप अपने फैमिली मेंबर या फिर अपने दोस्त लोगों को भेजकर के पैसे कमा सकते हैं। लेकिन आपको पैसा तभी मिलेगा जब वह आपकी लिंक से अपनी ID बनायेंगे। और उसके बाद वह व्यक्ति भी अपनी लिंक बना कर के बाकी लोगों को शेयर कर सकते हैं। और पैसे कमा सकते हैं।

* म्यूचुअल फंड और स्मॉल केस।

Account बनाते समय कुछ मुख्य बातें –

* आपको बता दें, कि Upstox में अपना अकाउंट बनाते समय आपको इसके रिवार्ड में समय समय में changes देखने को मिल सकते हैं। मतलब की कभी आपको इसमें Refer or Earn के 500, तो कभी 1000 तो कभी 1200 मिलेंगे।

*    Upstox Refer and Earn से पैसे कमाने के लिए। या फिर इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको सबसे पहले डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ने वाली है। और डीमैट अकाउंट ( Demat Account ) को बनाने के लिए प्रत्येक ब्रोकर लगभग 200 से 250 तक चार्ज लेते हैं। लेकिन आपको बता दें, कि यदि आप इस लिंक से अपना अकाउंट बनाते हैं, तो आपका अकाउंट बिलकुल फ्री में बनेगा।

Upstox अकाउंट बनाने का लिंक > https://link.upstox.com/bDhW

और यदि आपसे 250 चार्ज लिया जाता है, तो फिर आपको इसके बदले में upstox की तरफ से फ्री डिजिटल गोल्ड या फिर कुछ ऑफर जरूर मिल जायेगा।

*  Upstox Refer and Earn करने में जब आपके पास ऑफर 1200 का आएगा, तो अकाउंट बनने के बाद आपके पास 800 रुपए आपके upstox वॉलेट में आ जाएंगे, और बचे हुए बाकी 400 तब आपके पास आएंगे, जब वह व्यक्ति कोई भी इन्वेस्टमेंट कर लेगा। और इसके लिए वह चाहे 20 से 30 रुपए की ही इनवेस्ट करें, इनवेस्ट होने के बाद आपको बचे हुए 400 रुपए भी मिल जाएंगे।

* आपके Upstox अकाउंट में पैसे आने के बाद आप उस अमाउंट को अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। और यह आपके बैंक अकाउंट में एक से दो दिन के अंदर आएंगे। और कभी कभी अकाउंट बनने के बाद भी आपके upstox में रुपए 2–3 दिन में आ सकते हैं, क्योंकि कंपनी में बहुत सी फाइल पेंडिंग पड़ी रहती हैं, जिस वजह से इसमें थोड़ा लेट रिवार्ड मिलता है। लेकिन इसमें यह डरने की कोई बात नही है, की कहीं आपका रिवार्ड आपको मिलेगा भी या नहीं।

Upstox अकाउंट बनाने के लिए जरूरी Document–

Upstox में Account खोलने के लिए आपके पास कुछ Documents जरुरी होने चाहिए। Upstox बिल्कुल Safe and Secure है इसलिए इसमें आप बिना किसी चिंता के अपना Account बना सकते हैं। इसके लिए आपको जिन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ने वाली है, वह आगे दिए हुए है।

* आधार कार्ड,

* पैन कार्ड,

* आधार कार्ड से लिंक किया हुआ मोबाइल नंबर,

* बैंक की स्टेटमेंट,

* एक खाली white paper में अपने signature जोकि आपके पैन कार्ड में किए गया हों,

यदि आपको अकाउंट बनाते समय कुछ भी दिक्कत आती है, तो आपको Upstox की तरफ से सपोर्ट मिल जाता है, Upstox की तरफ से आपको एक कॉल आएगी, और वह आपको आपका अकाउंट बनाने में मदद करेगा।

Step by step क्या होगी Process –

Step 1. सबसे पहले आप दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Upstox डीमैट अकाउंट लिंक – https://link.upstox.com/bDhW

Step 2.  लिंक पर click करने के बाद अपने Mobile Number डालें और Sign Up करें या Create a new Account पर Click करें।

Step 3. इसके बाद आप अपने Mobile Number डालें और Signup With Mobile Number पर Click करें और फिर जो OTP आयेगा उसे Verify करें।

Step 4. इसे करने के बाद अपना Email डालें और वहां से भी OTP को Verify करें।

Step 5. अब उसमे आप अपनी पैन कार्ड की Details को भरें। इसके साथ ही Date Of Birth भी Fill करें। इसके बाद प्रोसेस को आगे बढ़ाए, और Next करें और अपनी Basic Details को भरें, और फिर Next पर क्लिक करें ।

Step 6. इतना करने के बाद आपको Digitally Screen पर Sign करना होगा। यह साइन आपको फोन में ही करना होगा।

Step 7. इसके बाद वह आपसे Digilocker में Signup करने को कहे, उसमें आप अपना आधार Number को डालेंगे, और अपने Digilocker को Verify करेंगे।

Step 8.  इतनी प्रोसेस होने के बाद आपको कुछ मुख्य Documents जैसे पैन कार्ड, Bank Statement, Adhar Card आदि को इसमें Upload कर देना है।

इतनी प्रोसेस होने के बाद आपके अकाउंट की प्रोसेस complete हो जायेगी। जिसे की Upstox की Team द्वारा जाँच करके 24 घण्टे में Activate कर दिया जाएगा। अकाउंट एक्टिवेट होते ही आपको Message या फिर Gmail के जरिये User ID व Passward मिल जायेगा। जिसकी मदद से आप Upstox Demat Account में Login कर पाएंगे।

Categories Demat Account Tags Broker, Earn money, Invest, Refer and earn, Stock market, Upstox Leave a comment

Upstox kya hai

July 9, 2022March 13, 2022 by shubham negi
Upstox

Upstox क्या है–

      बहुत से लोग अपनी जॉब का कुछ हिस्सा शेयर बाजार या फिर किसी अन्य जगह इन्वेस्टमेंट करके एक अच्छा रिटर्न्स कमाना चाहते हैं। Upstox भी इन्वेस्टमेंट करने का ही एक पॉपुलर एप्लीकेशन है।
 

Upstox सरल शब्दों में –

      Upstox एक ऐसा एप्लीकेशन है, जिसकी मदद से हम स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड ( Mutual fund ) कमोडिटी और भी बहुत सी चीज में इनवेस्ट करके अपने कैपिटल को और ज्यादा बड़ा सकते हैं।
 
यदि आपको भी इन सब चीजों में इनवेस्ट करना है, तो आपको इसके लिए एक डीमैट अकाउंट ( Demat account ) की जरूरत होती है। और यह आपका किसी भी ब्रोकर की मदद से बन जायेगा।
 
अपस्टॉक्स भी एक प्रकार का ब्रोकर ही है, जोकि आपकी इन्वेस्टमेंट यात्रा को और भी सरल बना देता है। अन्य ब्रोकर्स में Upstox एक जाना माना ब्रोकर है, जोकि अन्य ब्रोकर के मुकाबले बहुत ही कम चार्ज में एक अच्छे फीचर के साथ इन्वेस्टमेंट करने का मौका देता है।
 
Upstox से आज के समय में तकरीबन 50 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। इसके साथ साथ यह एक अच्छी रेटिंग प्राप्त करने वाला एप्लीकेशन भी है, इस एप्लीकेशन को आप अपने मोबाइल में भी प्रयोग कर सकते हैं, और अपने P.C. में भी।
 
इसके साथ–साथ आपको बता दें, कि अपटॉक्स ने जिस माध्यम से अपने ग्राहकों को सबसे ज्यादा लुभाया है, वह है उसका–अपस्टॉक्स Refer एंड Earn पोर्शन। जी हां अपस्टॉक्स अपने एक रेफर से ओपन किए अकाउंट में 1200 रुपए आपको देता है।
 
जिसमें की 800 रुपए तो आपको तुरंत मिल जाएंगे, और बाकी के बचे 400 आपको उस इंसान के पहली इन्वेस्टमेंट पर मिलती है।
 
Upstox की मदद से आप Refer or Earn सेक्शन में जाकर के मिली हुई लिंक से अपने लिए पैसिव इनकम ( Passive income ) बना सकते हो।
 
      तो फिर आप क्यों देरी कर रहे हो, आप भी Refer एंड Earn से घर बैठे रुपए कमाओ, और साथ ही अपनी इन्वेस्टमेंट यात्रा को एक अच्छे ऊंचे लेवल तक ले जाओ। लिंक नीचे दिया हुआ है।
 

अपस्टॉक्स से कैसे जुड़े –

     भारत के सर्वश्रेष्ठ और विश्वसनीय ब्रोकर Upstox से जुड़ने के लिए क्लिक के बटन को दबाए –  यहां क्लिक (Click) करें ।
 
 
Categories Demat Account Tags Broker, Demat account, Finance, Stock market, Upstox Leave a comment

Trading account kya hota hai

July 9, 2022March 13, 2022 by shubham negi
Trading Account

Trading Account what is–

     Trading Account से आप यह समझ सकते हैं, कि जब कोई व्यक्ति एक निश्चित समय के अंतर्गत व्यापार में होने वाले लाभ या फिर हानि की जानकारी प्राप्त करने के लिए व्यक्ति जो अकाउंट बनवाता है या फिर तैयार करता है तो उसे ट्रेडिंग अकाउंट कहा जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट को हिंदी में व्यापारिक खाता भी कहते हैं।

दूसरे शब्दों में कहें तो Trading Account का मतलब शेयर मार्केट से है। अर्थात शेयर मार्केट ( Share market ) में शेयर खरीदने के लिए जो रुपयों का लेन-देन किया जाता है, वह इसके अंतर्गत ही किया जाता है, साथ ही स्टॉक को खरीदने या फिर बेचने के लिए भी ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट हमारे डिमैट अकाउंट से लिंक हुआ रहता है। और जब हम ट्रेडिंग अकाउंट की सहायता से शेयर को खरीदने का आर्डर देते हैं तो आर्डर पूरा हो जाता है। और शेयर हमारे डिमैट अकाउंट ( Demate Account ) में जमा हो जाते हैं। जितने रुपए के शेयर को खरीदा जाता है, उसका ब्रोकरेज चार्ज और टैक्स चार्ज के साथ हमारे ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। और हमको शेयर मिल जाता है।

शेयर मार्केट से हम किसी भी कंपनी के शेयर को हम डायरेक्ट खरीद या फिर बेचने का आर्डर नहीं दे सकते। इसके लिए हमे स्टॉक ब्रोकर की जरूरत होती है। स्टॉक ब्रोकर के द्वारा हमारे शेयर को खरीदने अथवा बेचने का आर्डर शेयर मार्केट तक पहुंचता है। इसलिए ब्रोकर हमारे द्वारा लगाए शेयर के आर्डर को शेयर मार्केट तक पहुंचाने के लिए एक अकाउंट खुलवाता है, जिसे कि Trading Account कहा जाता है।

* SIP और LUMPSUM

Trading Account कैसे खोलें –

किसी भी शेयर को buy करने के लिए हमे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और जब हम अपना डिमैट अकाउंट ओपन करवाते हैं,  तो वहीं से हम ट्रेडिंग अकाउंट भी खुला सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए डिमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है। और जो  ब्रोकर होता है, वह डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को साथ में लिंक कर देता है।

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आप डिपोजिटरी पार्टिसिपेट ( DP ) जो कि CDSL या NSDL के ब्रोकर या सब ब्रोकर होते हैं। उनसे आप संपर्क कर सकते हैंं। और वर्तमान में बैंक और संस्थान डीपी के रूप में कार्य कर रहे हैं।

Document Requirement for opening Trading Account –

ट्रैडिंग अकाउंट ओपन करने के लिए हमे बहुत सी चीजें चाहिए होती हैं। जिनमे कि इनका होना बहुत जरूरी है।

(1)- पैन कार्ड,

(2)- पासपोर्ट साइज फोटो, ( दो फोटो),

(3)- बैंक खाता संख्या (अकाउंट नंबर )

(4)- दो फोटो पहचान पत्र,।

(5)- ड्राइविंग लाइसेंस या आधार कार्ड,

ट्रेडिंग अकाउंट के फायदे –

ट्रेडिंग अकाउंट के बहुत से फायदे होते हैं।

1- ट्रेडिंग अकाउंट  हमें शेयर को खरीदने के लिए डेबिटकार्ड और क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान करता है। जिसकी सहयता से हम अकाउंट में पैसों को ट्रांसफर कर सकते हैं।

2- ट्रेडिंग अकाउंट से शेयर को खरीदना और बेचना बिल्कुल आसान हो जाता है। वरना पिछले कुछ सालों में हमें बहुत सी मुश्किलों को झेलना पड़ता था। जिसमे कि सारी चीजें डिजिटल न होकर डॉक्यूमेंट्री होता था।

3- ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट के हो जाने से ब्रोकरेज चार्ज पहले के मुकाबले बहुत कम हो जाता है। वरना पहले जब तक डिजिटल अकाउंट न थे, उस समय तक ब्रोकरेज अपना चार्ज बहुत ज्यादा लिया करते थे।

4- ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए आप दुनिया के किसी भी स्थान से शेयर खरीद और बेच सकते है। वरना पहले हमको स्टॉक एक्सचेंज ऑफिस में जाना पड़ता था, और तब जाके हमे शेयर प्राप्त होते थे। परन्तु जब से यह सब डिजिटल हुआ तब से हमको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होती है।

    उम्मीद करता हूं, कि आपको Trading account के बारे में अच्छे से समझ आ गया होगा। यदि आपके मन में इससे रिलेटेड कोई भी सवाल चल रहा हो तो प्लीज आप कमेंट में पूछ सकते हैं। 

Categories Demat Account Tags Demat account, Invest, Stock market, Trading account Leave a comment

Types of Demat account

July 8, 2022November 21, 2020 by shubham negi
Types of demat account

Types of demat account | हिन्दी में |

   अगर आपको किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदना है, तो आपको इसके लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। डीमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है, जिसके जरिए हम अपने द्वारा लिए गए शेयर को स्टोर करते हैं।

यदि हमको किसी शेयर की डिलीवरी लेेनी है, तो उसके लिए भी हमको डीमैट अकाउंट की आवश्यकता पड़ती है। डिमैट अकाउंट, आपके फिजिकल सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में स्टोर करता है।

आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से Types of demat account – डीमैट अकाउंट के प्रकार  के बारे में बताने वाला हूं।

* डीमेट अकाउंट ( Demat Account ) को विस्तार से जाने।

* डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट ( Demat or Trading account)

Types of demat account निम्न हैं, जिन्हें की हम मुख्यत तीन भागों में बांट सकते हैं। 

1- Regular Demat Account

2- Repatriable Demat Account

3- Non – Repatriable Demat Account

1- Regular Demat Account –

रेगुलर डीमैट अकाउंट  सिर्फ इंडियन सिटीजन के लिए होता है। अर्थात् हर कोई व्यक्ति जो की भारतीय है, उसके लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट बना होता है। या जो व्यक्ति भारत देश का निवासी है, भारत में निवास करता है।

2- Repatriable Demat Account –

रिपेट्रीबल डिमैट अकाउंट, की जरूरत उन लोगों को पड़ती है, जो कि देश के निवासी नहीं होते हैं, अर्थात एनाराइज के लिए यह अकाउंट बना होता है। मतलब कि यह डीमैट अकाउंट  नॉन इंडियन सिटीजन के लिए होता है। यदि आपके पास यह डिमैट अकाउंट है, तो आप इस अकाउंट के जरिए से जो सेल एंड परचेस का पैसा होता है, वह आपके पास बहुत ही आसानी से पहुंच जाता है।

साथ ही यदि आप रिपेट्रीबल डिमैट अकाउंट को खोल के रखते हैं, और आप एक नॉन रेजिडेंट इंडियन (N.R.I.) हैं, तो जो आपका डीमैट अकाउंट है वह आपके एन.आर.आई. अकाउंट से लिंक होना जरूरी है।

अर्थात यदि आप एक NRI हैं, और आप स्टॉक मार्केट में किसी कंपनी के शेयर या फिर बॉन्ड, इक्विटी आदि चीजों को खरीदना चाहते हो, या इन्वेस्ट करना चाहते हो तो आपको इसके लिए डीमैट अकाउंट होने से पहले NRI बैंक अकाउंट का होना बहुत जरूरी है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट सिर्फ उन लोगों के लिए होता है, जो कि एन आर आई होते हैं।

3- Non- Repatriable Demat Account –

नॉन रिपेट्रीबल डीमैट अकाउंट  भी होता तो एन.आर. आई. सिटीजन के लिए ही है, परंतु इस तरह के डीमैट अकाउंट में जो पैसा होता है, या कंपनी के शेयर के सेल और पर्चेज से जो पैसा आपको मिलता है, वह आप अब्रॉड ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं। क्योंकि यह एक नॉन रिपेट्रीबल अकाउंट है।

यदि आपको ऐसा लगता है, कि आपको इस चीज की जरूरत नहीं है, कि आपका पैसा अब्रॉड ट्रांसफर करें, तो आप नॉन रिपेट्रीबल डिमैट अकाउंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

परन्तु इस अकाउंट के लिए भी आपके पास जो नॉन रिपेट्रीबल डिमैट अकाउंट होगा वह अकाउंट N.R.I. बैंक अकाउंट के साथ लिंक होना जरूरी है। जैसा कि रिपेट्रिबल अकाउंट के साथ होता है। इस चीज के बिना यह काम नही करेगा। क्योंकि यह सबके लिए कंपल्सरी होता है।

Categories Demat Account, Stock Market Tags Demat account, Finance, Invest, Stock, Stock market, Upstox Leave a comment

Difference between Demat and trading account

July 8, 2022November 20, 2020 by shubham negi
Demat and trading account

Demat and trading account में अंतर–

शेयर बाजार में अगर आपको इन्वेस्ट करना हो तो आपको मुख्यत दो अकाउंट की जरूरत होती है। पहला डीमेट अकाउंट और दूसरा ट्रेडिंग अकाउंट। Demat and trading account एक दूसरे से कैसे अलग हैं। ये आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाला हूं।

(1)- ट्रेडिंग अकाउंट।
(2)- डिमैट अकाउंट। 

बहुत सालों पहले शेयर बाजार में कुछ अलग ही तरीके से ट्रेड या इन्वेस्ट किया जाता था। इसमें कुछ इस तरीके से होता था कि यदि आपको किसी कंपनी के शेयर को buy करना है तो आपको और साथ में आपके ब्रोकर को एक्सचेंज में उपस्थित होना पड़ता था। और यदि आपको अपने शेयर को भी बेचने हैं, तो फिर भी आपको अपने साथ फिजिकल सार्टिफिकेट लेकर के एक्सचेंज में जाना होता था। और वहां पर buyer और seller को ब्रोकर की सहायता से किसी भी शेयर में इन्वेस्ट या फिर निकलना होता था। यदि buyer को शेयर को खरीदना है, और seller को शेयर बेचना है, तो वहां पर दोनो आपस में प्राइस मैच करते थे।

यदि  buyer और seller की प्राइस मैच हो जाती तो आप सेलर को पैसा और सेलर आपको उस कंपनी का सर्टिफिकेट दे देता था। परंतु यह एक बहुत ही कठिन समस्या थी। ओर इस प्रॉसेस में काफी समय भी बर्बाद हो जाता था। इसी प्रॉसेस को सरल बनाने के लिए SEBI ने इस पूरी प्रॉसेस को कंप्यूटराइज कर दिया। ओर हर उस व्यक्ति के को शेयर मार्केट में आना चाहता है, उसके सेबी द्वारा demate account बनवाए गए। जिससे शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने वाला व्यक्ति घर बैठे ही शेयर बाजार में बड़ी आसानी से इन्वेस्ट कर सकता था। तो चलिए आपको बताते हैं, की आखिर डीमैट अकाउंट किस तरीके से ट्रेडिंग अकाउंट से अलग है।

* डीमैट अकाउंट ( Demat account ) को विस्तार से जाने

(1)- Trading Account –

जिस तरीके से आप पैसों को एक जगह से दूसरे जगह बेझते हैं, तो आपको उसके लिए कुछ अकाउंट की जरूरत पड़ती है, जेसे की गूगल पे, पेटीएम, या फिर कोई भी। ठीक इसी तरीके से अगर हमें भी शेयर मार्केट में  ट्रांजैक्शन करना है, तो हमे भी एक अकाउंट की जरूरत पड़ती है, जिसे कि हम trading account कहते हैं।

* ट्रेडिंग अकाउंट ( Trading Account ) को विस्तार से जाने।

* स्टॉक मार्केट इंडेक्स ( Stock market index )

सरल भाषा में कहें तो यदि हमको किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदना या बेचना है, तो हम जिस अकाउंट के जरिए यह प्रॉसेस करते हैं, तो उसे Trading account कहते हैं। और ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे डालने के लिए हमें एक बैंक अकाउंट की जरूरत होती है, जो कि हमको ट्रेडिंग अकाउंट से लिंक करना पड़ता है। जिस के जरिए से कि हम शेयर को खरीद सकें।

अर्थात शेयर खरीदने के लिए हमे सबसे पहले अपने बैंक अकाउंट से पैसों को ट्रेडिंग अकाउंट में बेझना होता है, तब जाकर ही हम किसी कंपनी के शेयर को buy कर सकते हैं।

(2)-  Demat Account –

डीमैट अकाउंट का होना तो सबसे जरूरी होता है।  जिस तरीके से आपने देखा कि ट्रेडिंग अकाउंट में तो सिर्फ हम शेयर का ट्रांजैक्शन कर सकते थे, परंतु आपको यदि शेयर की डिलीवरी लेनी है तो आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। डीमैट अकाउंट में आपके द्वारा लिए गए शेयर को सेफ रखा जाता है। ठीक उसी तरीके से जिस तरीके से बैंक में आपके द्वारा रखे गए पैसों को। अर्थात आप यह समझ सकते हैं, डीमैट अकाउंट ठीक बैंक की भांति ही काम करता है, जिस तरीके से बैंक में हमारे पैसे सेफ रहते हैं, ठीक वैसे ही डीमैट अकाउंट में हमारे शेयर सेफ रहते हैं। और वे शेयर डीमैट अकाउंट में स्टोर रहते हैं।

प्रत्येक शेयर का अपना अपना एक ISI नंबर होता है। जिसके द्वारा हम शेयर को वेरिफाई कर सकते हैं, कि आखिर कोन कोन से शेयर हैं, ओर उसका नंबर क्या है। डीमैट अकाउंट ( Demat Account ) के निम्न तीन प्रकार भी हैं। डिमैट अकाउंट, हमारे एक फिजिकल सर्टिफिकेट हैं, जोकि इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में स्टोर रहते हैं। ओर डीमैट अकाउंट Dematerialization account का ही शार्ट फार्म आप मान सकते हैं। भारत में डिमैट अकाउंट को दो ऑर्गेनाइजेशन देखती हैं, जिनको कि डिपोजिटरी कहा जाता है।

1- NSDL ( National securities depository limited )
2- CDSL ( Central Depository service limited )

Categories Difference, Demat Account Tags Demat account, Equity, Finance, Invest, Stock market, Trading account Leave a comment

Recent Posts

  • जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है?
  • स्टॉक मार्केट ऑपरेटर (Stock market operator)
  • Stock market me volume kya hota hai
  • शेयर को कब खरीदना और बेचना चाहिए।
  • शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए

Recent Comments

No comments to show.

Archives

© 2023 Knowledge gyaan.xyz • Built with GeneratePress