Commodity meaning in hindi

आपमे से बहुत से लोगों ने स्टॉक मार्केट (Stock Market) में ट्रेडिंग तो की ही होगी। उसमें आपने फ्यूचर और ऑप्शन (Future or Option) में भी ट्रेड किया होगा। Commodity भी इसी प्रकार का एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जिसमें की ट्रेड किया जाता है।

तो चलिए आज की इस पोस्ट में मैं आपको Commodity के बारे में विस्तार से बताऊंगा। बताऊंगा कि Commodity क्या होता है। यह कहां ट्रेड किया जाता है। इसके कितने प्रकार होते हैं। और भी इससे संबंधित बहुत सी महत्वपूर्ण चीजें।

कमोडिटी (Commodity)

अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जिस प्रकार से हम कोई सामान खरीदते हैं, जैसे की अनाज, मसाले, सोना,चांदी आदि। ठीक उसी प्रकार से स्टॉक मार्केट (Stock Market) में भी इन चीज़ों की खरीदी और बिकवाली की जाती है।

Commodity

सरल शब्दों में कहा जाए तो शेयर मार्केट में कमोडिटी सेक्शन में अनाज, मसालों, या फिर किसी मेटल की खरीद या बेच को कमोडिटी (Commodity) कहा जाता है। और इन Commodity में जो ट्रेडिंग की जाती है, उसे Commodity trading कहते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग इक्विटी शेयर की ट्रेडिंग से थोड़ा अलग होती है। कमोडिटी की जो ट्रेडिंग होती है, वह अधिकतर फ्यूचर मार्केट (Future market) में की जाती है। भारत में कमोडिटी मार्केट काफी पहले से चलता था। लेकिन किसी कारणवश इसमें रोक लगा दी गई थी। लेकिन फिर 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था। और यह दुबारा से शुरू हो गई।

Commodity वह रूप है, जिसे की प्रकृति द्वारा हमें दिया जाता है। इसे एक जगह से दूसरी जगह जरूरतों को पूरा करने के लिए ले जाया जाता है। जिसे की धन से खरीदा या बेचा जा सकता है।

कमोडिटी ट्रेडिंग आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाने का एक सरल तरीका होता है। लेकिन इसमें बहुत जोखिम भी शामिल रहता है। खासकर उनके लिए जोकि इसमें नए नए निवेशक हैं।

कमोडिटी (Commodity) उत्पाद के प्रकार

मुख्य तौर पर कमोडिटी उत्पाद को 4 भागों में बांटा गया है। जिसमे की ट्रेडिंग की जाती है।

  1. कृषि – गेंहू, चावल, मक्का, सेम आदि।
  2. धातु – सोना, चांदी, तांबा, प्लेटिनम।
  3. ऊर्जा – कच्चा तेल, मिट्टी का तेल, प्राकृतिक गैस आदि।
  4. पशुधन और मांस – पशु, अंडे, मांस, आदि।

कमोडिटी, स्टॉक ट्रेडिंग से कैसे अलग है–

कमोडिटी ट्रेडिंग और स्टॉक इक्विटी ट्रेडिंग दोनों एक दूसरे से अलग होते हैं। इक्विटी ट्रेडिंग जो होती है, उसमें हम स्टॉक्स को जब तक चाहे अपने पास होल्ड करके रख सकते हैं। और जब मर्जी उसे बेच सकते हैं। लेकिन कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है। इसमें आपको आने वाले दो–तीन महीने में ही ट्रेड करना होता है। इसलिए इसमें सौदा करते समय खरीदना और बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है। यह भी इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading) की तरह ही होता है।

Commodity में निवेश कहां से करें

Commodity में निवेश करने का सबसे बेहतर तरीका फ्यूचर अनुबंध होता है। फ्यूचर्स अनुबंध हर Commodity श्रेणी पर उपलब्ध होता है। यह एक निर्धारित मूल्य में किसी भी कमोडिटी की विशिष्ट मात्रा खरीदने अथवा बेचने का समझौता होता है।

विशेषज्ञों की माने तो पोर्टफोलियो में अलग अलग जगह निवेश करना निवेशक को फायदा दिलवाता है। इक्विटी के साथ साथ हमें कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए। इससे आप उतार चढ़ाव का फायदा ले सकते हैं। परन्तु इसमें नए और छोटे निवशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि बाजार की अस्थिरता और कम ज्ञान सारा पैसा डूबा लेती है। निवेशकों को उन कारकों को खोजना चाहिए, जोकि बाजार को प्रभावित करते हैं।

Commodity trading के फायदे

Commodity

1. लेवरेज (Leverage)

Commodity Market में भारत में हर साल लगभग 25 लाख करोड़ से बढ़ रहा है। इसमें आपको लेवरेज भी मिलता है, जिसमें की एक छोटे अमाउंट के साथ भी ट्रेड करने का मौका मिल जाता है। जिससे की छोटे मोटे निवेशक भी कम अमाउंट के साथ इसमें ट्रेड कर सकते हैं।

2. हेजिंग (Hedging)

इसमें किसान, अथवा कोई भी उपयोगकर्ता के लिए कमोडिटी के प्राइस में उतार चढ़ाव की वजह से रिस्क कम हो जाता है।

3. पोर्टफोलियो का डायवर्सिफाई

यदि आप Commodity में भी ट्रेड करते हैं। तो आप अपने पोर्टफोलियो को इक्विटी ट्रेड के साथ साथ अन्य जगह भी डायवर्सिफाई कर सकते हैं। इससे आपके रिस्क की क्षमता भी कम हो जाती है।

4. ट्रेडिंग (Trading Opportunity)

कमोडिटी आपको एक ट्रेडिंग ऑपर्च्युनिटी भी प्रदान करती है। क्योंकि कमोडिटी का डेली का टर्नओवर लगभग 22 हजार से 25 हजार करोड़ रुपए तक है।

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