Forex Trading

फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading) को आम तौर पर करेंसी ट्रेडिंग भी कहा जाता है। यह पिछले कुछ सालों से बहुत ही अधिक प्रचलन में आया है। और बहुत से निवेशकों के लिए यह पैसा कमाने का एक अवसर बन कर भी आया है। आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा, कि आखिर यह Forex Trading होती क्या है?

तो चलिए आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम बताऊंगा कि आखिर Forex Trading होता क्या है। इसके क्या लाभ और क्या जोखिम हो सकते हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading)

ट्रेडिंग के सबसे कठिन और दिलचस्प रूपों में से एक Forex Trading होती है। फॉरेक्स ट्रेडिंग का मतलब मूल रूप से फॉरेक्स या फिर करेंसी की खरीददारी और बिकवाली से है।

Forex trading

फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex trading) ट्रेडिंग का सबसे रोमांचक रूप है, जिसमें की एक बड़े पैमाने पर बैंक या फिर कोई संस्था निवेश करते हैं। हालांकि यह रिटेल निवेशकों के लिए भी उपलब्ध रहता है। यह दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय मार्केट्स में से एक है। जहां की हमेशा प्रतिदिन 5 ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक की ट्रेडिंग की जाती है।

बहुत से ट्रेडर स्टॉक्स, इक्विटी, कमोडिटी (Commodity) डेरिवेटिव, ऑप्शन और फ्यूचर (Option and future) आदि रूपों में ट्रेडिंग करते हैं। और उसके लिए ट्रेडर अपने लिए एक सेटअप तैयार करता है। जिसको कि फॉलो करके वह अपने लिए एक अच्छा रिटर्न्स कमा पाता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग भी ठीक उसी प्रकार से ट्रेडिंग का एक जरिया है। जिससे कि निवेश्क एक अच्छा रिटर्न्स कमा सके। फॉरेक्स ट्रेडिंग को आप कभी भी किसी भी टाइम पर कर सकते हैं, क्युकी यह 24 घंटे चलता है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग में पहले सारे काम फिजिकल रूप में किए जाते थे। लेकिन टेक्नोलॉजी के बढ़ने से फॉरेक्स और करेंसी से जुड़े अब हर काम या फिर छोटी मोटी जानकारी ट्रेडर्स को बड़ी आसानी से मिल जाती है। फॉरेक्स ट्रेडिंग की जानकारी पूरी दुनिया में बड़ी आसानी से मिल जाती है। क्योंकि फॉरेक्स ट्रेडिंग पूरी दुनिया में चलाई जाती है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading) के लाभ–

वैसे तो फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading) काफी जोखिम भरा होता है। लेकिन कुछ अन्य तरीके भी हैं, जोकि हमें लाभ प्रदान करता है। तो चलिए जानते हैं, उन तरीकों को –

1. 24 घंटे ट्रेडिंग

फॉरेक्स ट्रेडिंग जो होती है, वह दुनिया में 24 ही घंटों तक की जा सकती है। आपको बता दें,, दुनिया में हर समय कोई न कोई मार्केट खुला ही होता है। इसलिए करेंसी ट्रेडिंग एक्सचेंज में करेंसी ट्रेडिंग जो होती है, वह 24 घंटे ही की जा सकती है।

2. हेजिंग

फॉरेक्स ट्रेडिंग जो है, वह मूल रूप से इंपोर्ट और एक्सपोर्ट के द्वारा हेजिंग विधि से प्रयोग में लाया जाता है। इसको आपको एक उद्धरण से समझते हैं,

माना कोई व्यक्ति है, जिसे की भविष्य में डॉलर में भुगतान करना है। और उसे लगता है, कि डॉलर का भाव कम होगा, तो वह USD/INR खरीदकर अपने फॉरेक्स ट्रेडिंग के जोखिम को कम कर सकता है। और आज ही किसी से भुगतान दर तय कर सकता है।

3. सट्टेबाजी

वैसे तो सट्टेबाजी को हम बढ़ावा नहीं देते लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं, जोकि सट्टेबाजी करके एक अच्छा लाभ कमाते हैं। इसमें ट्रेडर जो होते हैं, वह इन्वेस्ट के आधार पर अनुमान लगा सकते हैं, और उसके आधार पर मुनाफा भी कमा लेते हैं।

इसको एक उद्धरण से समझते हैं, माना कोई ट्रेडर हाई FII के साथ किसी मुख्य स्थान में एक मजबूत एक्सपोर्ट का अनुमान लगा रहा है, तो वह INR के मूल्य में वृद्धि पर अनुमान लगा सकता है, और इसके साथ ही USD/INR बेचकर लाभ कमा सकता है।

4. लीवरेज

करेंसी ट्रेडिंग में आपको लीवरेज का लाभ प्रदान किया जाता है। जिससे कि ट्रेडर मार्केट में अधिक पैसों से ट्रेडिंग कर सकता है।

5. आर्बिट्रेज

फॉरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग उन लोगों को पर्याप्त आर्बिट्रेज के अवसर प्रदान करता है, जोकि एक एक्सचेंज पर करेंसी खरीद सकते हैं। और जैसे ही लाभ होता है, वह दूसरे को बेच देते हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading) के जोखिम

Forex trading

बहुत से ट्रेडिंग की तरह ही यह भी एक जोखिम भरा व्यवसाय है। इसमें भी लाभ के साथ साथ हमको नुकसान या फिर जोखिम देखने को मिलता है। चलिए देखते हैं, आखिर इसमें जोखिम क्या हैं–

  • फॉरेक्स करेंसी ट्रेडिंग एक बहुत ही अधिक Volatile market है। जोकि बहुत से नए निवेशकों और ट्रेडर के लिए काफी कठिन सा हो जाता है।
  • इसमें सबसे बड़ा जोखिम यह होता है, कि यह मार्केट न्यूज या फिर अन्य इन्वेस्टमेंट से प्रभावित नहीं होता है।
  • किसी भी घटना के सकारात्मक रूप से जोड़ी की दोनों करेंसी को प्रभावित कर सकती है। जिससे कि जोड़ी पर प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
  • इसमें निवेशकों को पहले ही रणनीति बना लेनी चाहिए, ताकि उनको कम से कम नुकसान हो और प्रॉफिट वह अधिक से अधिक ले सके।

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