अक्सर आपने स्टॉक मार्केट में इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic value) का नाम तो जरूर सुना होगा। यदि आप एक अच्छे निवेशक हो तो आपको पता होगा कि इंट्रिंसिक वैल्यू का इसमें कितना बड़ा महत्व होता है, और इसके जरिए हम स्टॉक मार्केट से कितना रिटर्न्स निकाल सकते हैं।
यदि आप स्टॉक मार्केट में नए हो तो अक्सर आपने बड़े बड़े निवेशकों से यह जरूर सुना होगा कि शेयर को हमेशा उसके इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic value) से नीचे ही खरीदना चाहिए। तभी वह स्टॉक एक अच्छा प्रॉफिट देता है।
यदि बड़ी बड़ी कंपनियों की बात करें जो की लार्ज कैप के अंदर आती हैं, उनमें उपस्थित कंपनियों का प्राइस हमेशा बढ़ता ही रहता है। और वह स्टॉक कभी भी अपनी इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) पर नहीं आ पाते हैं।
अब आपके मन मे यह सवाल जरूर आ रहा होगा की इस कंडीशन में हमको क्या करना चाहिए। तो चलिए आज मैं आपको अपनी इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाला हूं कि आखिर किसी शेयर का इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic value) क्या होता है,और इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है।
इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) क्या है–

Intrinsic value को बहुत से नाम से जाना जाता है जैसे कि Actual Value, Fair value, और Real value। शेयर की इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) जो होती है, वह उस स्टॉक की वास्तविक कीमत होती है।
सरल शब्दों में कहा जाए तो इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) का मतलब शेयर की वास्तविक कीमत से है। याने की किसी भी कंपनी के शेयर का सही प्राइस ही इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic value) कहलाती है।
यह तभी कहा जाता है, कि किसी भी शेयर के इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) का पता होना जरूरी है, वरना आप भविष्य में एक अच्छा रिटर्न्स नही प्राप्त कर सकते हैं।
चलिए आपको इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) को एक आसान से तरीके से समझाते हैं। किसी भी स्टॉक की Intrinsic value उसके करेंट प्राइस से या तो कम हो सकती है, या फिर ज्यादा। जो लोग कंपनी के शेयर को उसके इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) से अधिक प्राइस में खरीदते हैं, तो उस स्टॉक में उनको अच्छे से ग्रोथ देखने को नहीं मिलती है, क्योंकि उस स्टॉक को पहले ही बढ़ते दाम पर खरीदा गया है।
यदि आप उस स्टॉक को उसके इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic value) पर या फिर उससे कम प्राइस पर खरीदते हो तो आपको फ्यूचर में एक अच्छा रिटर्न्स देखने को मिल सकता है। क्योंकि आपके द्वारा वह स्टॉक सही दाम पर खरीदा गया है। जिस वजह से हमको फ्यूचर में एक अच्छा रिटर्न्स देखने को मिलता है। और यह चीजें दुनिया के सबसे अमीर इन्वेस्टर वॉरेन बफेट भी फॉलो करते हैं।
इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) से सही स्टॉक चुने–
किसी भी स्टॉक को कैसे स्लेक्ट करना है, की यह स्टॉक हमारे लिए एक अच्छा स्टॉक हो सकता है, और इस स्टॉक की कीमत बिल्कुल सही है। यदि आप शेयर मार्केट ( Stock market) में इनवेस्ट करके एक अच्छा रिटर्न्स कमाना चाहते हैं, तो आपके लिए इंट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic value) का पता होना बहुत जरूरी है।
यह समझना इसलिए भी आवश्यक है, ताकि आपको किसी भी स्टॉक्स का दाम उसके एक्चुअल प्राइस से महंगा न मिले। शेयर की इंट्रिंसिक वैल्यू से हमको यह पता लगता है, कि वह शेयर हमको महंगा मिल रहा है, या फिर सही दाम में।
आपने बहुत बार यह सुना होगा की current price is more than the intrinsic value जिसका मतलब होता है, कि शेयर का अभी जो करेंट प्राइस चल रहा है, वह उसकी Real value से बहुत ज्यादा है। इसी लिए अभी हमको शेयर को नहीं खरीदना चाहिए।
लेकिन आपको बता दें, कि आप एक ही चीज को देख कर के यह Decide नहीं कर सकते कि आखिर इस स्टॉक को लेना चाहिए या नहीं। किसी भी शेयर को खरीदने से पहले हमको और भी काफी चीजों को देखना चाहिए। जैसे की फाइनेंशियल, फंडामेंटल, मार्केट में चल रही न्यूज और मार्केट के ट्रेंड आदि। इन चीजों का अच्छे से अध्ययन करके हम एक अच्छे स्टॉक का चयन कर सकते हैं।
इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) का उद्धरण–
माना की आपको एक ड्रेस की जरूरत है, और आप उसे लेने के लिए बाजार गए। बाजार में दुकानदार आपको उसकी कीमत बताता है, और तब आपके द्वारा उस ड्रेस की कीमत को कम किया जाता है, यदि दुकानदार मान जाता है, तो आप उस ड्रेस को खरीद लेते हैं। और आप वहां पर प्रॉफिट में रहते हैं, क्योंकि वहां पर आपके द्वारा उसको उसकी रियल कीमत और खरीदा गया।
लेकिन यदि दुकानदार ड्रेस की कीमत को कम करने के लिए नहीं मानता और आप उसी प्राइस में उस ड्रेस को खरीद लेते हैं तो फिर आपको वहां पर अपना नुकसान लगेगा। क्योंकि आपको लगता है, कि उसकी रियल कीमत कुछ और ही थी। और आपके द्वारा उसको उसकी रियल कीमत से अधिक पर खरीदा गया है।
इंट्रिंसिक वैल्यू कैसे कैलकुलेट करें–
इसे भी हम एक उद्धरण से ही समझेंगे ताकि आपको आसानी से सब कुछ समझ में आ सके। माना किसी शहर में रोहन का एक होटल है, और वह उस होटल को बेचना चाहता है। क्योंकि अब वह किसी और शहर में शिफ्ट होना चाहता है। आपको पता है, की इसका जो होटल है, वह कितना प्रॉफिटेबल है, और वह अच्छा खासा वहां से रूपये भी कमाता था। आप उस होटल लेने के लिए तैयार हो। लेकिन बात अब यह आती है, की आप आखिर उसको किस प्राइस में खरीदेंगे। क्योंकि रोहन तो उसका कुछ भी प्राइस बता सकता है। और आपको उसकी रियल वैल्यू जाननी है, की आखिर इस होटल का प्राइस क्या होना चाहिए।
यदि आपको उस होटल का Intrinsic value पता करना है, तो इसके लिए आपको एक छोटी सी कैलकुलेशन करनी है, और वह कैलकुलेशन कुछ इस तरीके से है, कि आपको उस होटल का 1 साल का जितना भी प्रॉफिट हुआ है, और आप हर साल उससे जितना प्रॉफिट कमाने की सोच रहे हो, या फिर जितना रिटर्न आप चाहते हो तो उससे आपको डिवाइड करना होगा।
इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) = Per year income / Annual Return Percentage,
तो फिर आपको उसका इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) पता लग जायेगा। और यदि तब आपको लगता है, कि यह प्राइस आपको रियल कीमत से ज्यादा देनी पड़ रही है, तो फिर आप उसे नहीं खरीदेंगे। और यदि उसकी इंट्रिंसिक वैल्यू ( Intrinsic value) सही आती है, जितना तक की आप खरीदना चाहते हैं तो फिर यह आपके लिए एक खरा सौदा साबित हो जायेगा। और आप उसको महंगे दामों से लेने से बच जाएंगे।