Stock market kya hai

stock market
        बहुत से लोगों का यह कहना होता है, कि शेयर मार्केट एक जुआ है। इसमें यह कहना गलत होगा की उनकी सोच बहुत ही बेकार है, बल्कि ये वे लोग होते हैं जिन्होंने खाली दूसरे लोगों से सुना होता है स्टॉक मार्केट क्रेश ( stock market crash ) होने पर उनको बहुत नुकसान हुआ है। और इससे उन्हे दूरी बना के रखनी चाहिए, और इसे सुनने के बाद वह बाकी अन्य लोगों को भी कुछ इसी तरह की सलाह देते हैं। परंतु ऐसा कुछ भी नही है, तो चलिए जानते हैं, कि Stock market आखिर क्या है और यह कैसे काम करता है।
 

Stock market (स्टॉक मार्केट)-

     सरल शब्दों में कहा जाए तो Stock market एक ऐसा मार्केट है, जहां बहुत सी कंपनियों के शेयर को खरीदा या बेचा जाता है। और किसी कंपनी के शेयर खरीदने पर हम उस कंपनी के उतने % के हिस्सेदार बन जाते हैं। अर्थात् हम जितने परसेंट कंपनी के शेयर खरीदेंगे हम उस कंपनी के उतने के हिस्सेदार बन जाएंगे। भविष्य में यदि कंपनी ग्रो करती है तो हमें भी उतना ही प्रॉफिट होगा। और यदि कंपनी नुकसान में जाती है तो हमें भी फिर नुकसान झेलना को तैयार रहना होगा।

Stock market कैसे चलता है-

Stock market में शेयर को खरीदा या बेचा जाता है। ठीक उसी तरह से जिस तरीके से हम मार्केट में समान को खरीदते और बेचते हैं। मतलब की हमे कंपनी को रुपए देने होंगे और कंपनी उसकी जगह हमे कंपनी के शेयर दे देगी। अब बात यह आती है कि आखिर हम कंपनी को कहां खोजेंगे ? या फिर कंपनी को रुपए कैसे पे करेंगे। सीधे कंपनी में जाकर या फिर कहीं दूसरी जगह से ??

      तो देखिए,, हमे कंपनी के शेयर खरीदने के लिए कहीं नहीं जाना होता है, यह हम घर बैठ कर कंपनी के शेयर को खरीद सकते हैं। क्यों कि कंपनी Stock market में लिस्टेड रहती है, मतलब की जो कंपनी Stock market में लिस्टेड होंगी हम केवल उन्हीं के शेयर को ही खरीद पाएंगे। बाकी दूसरे कंपनी के शेयर को हम नही खरीद सकते हैं। इसके लिए कंपनी का Stock market में लिस्टेड होना जरूरी है।

कंपनियां क्यों और किस तरीके से लिस्ट होती है-

    जब कोई कंपनी अपना बिज़नेस को बढ़ाना चाहती है या कंपनी को पूंजी की जरूरत हो। अपने बिजनेस को और बेहतर बनाने के लिए अथवा कंपनी को कर्ज मुक्त करने के लिए या फिर कंपनी नए प्रोडक्ट व सर्विस निकालना चाहते है, तो इनके लिए उन्हें पूंजी की जरूरत पड़ती है। तो इतने पैसों की जरूरत को वह खुद से पूरा नहीं कर सकते तो वह पूंजी को प्राप्त करने के लिए stock market मे लिस्टऐड हो जाते है, ताकि वह अपनी कंपनी को और बेहतर बना सके, और अपनी इन सारी जरूरत को पूरी कर सके।

        अब सवाल यह आता है कि क्या कोई भी कंपनी stock market लिस्टेड हो सकती हैं,? तो नही, कोई भी कम्पनी ऐसे ही लिस्टऐड नहीं होती है। इसके लिए उन्हें एक प्रोसेस से होकर गुजरना होता है जिसे कहा जाता है – IPO, आईपीओ (Initial public offering)

      आईपीओ का मतलब कंपनी अपने शेयर को पब्लिक को ऑफर कर रही है, इसके लिए सेबी की निगरानी में कंपनी को stock market में लिस्टेड किया जाता है। और आईपीओ के जरिए कंपनी के शेयर को मार्केट में लॉन्च करके पब्लिक को दिया जाता है। और उस शेयर के बदले में कंपनी को पब्लिक से पैसा मिल जाता है। आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर यह सेबी क्या चीज है ? तो आपको बता दें, कि इस सारी प्रोसेस को SEBI ही रेगुलेट करता है। जैसे की सभी बैंकों को RBI रेगुलेट करता है, ठीक उसी तरीके से SEBI भी इस प्रोसेस को रेगूलेट करता है। एक्सचेंज में कंपनियां लिस्टेड की जाती हैं।

     कंपनियों के लिस्ट हो जाने के बाद ही आप कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं। SEBI के निगरानी में हमारे इंडिया में दो बड़ी एक्सचेंज एजेंसियां NSE और BSE हैं, जिसमें की सारी कंपनियां लिस्टेड हुई रहती हैं जिन कंपनियों का कि आईपीओ निकाला जा चुका होता है।

NSE और BSE क्या हैं-

      अलग अलग देशों के पास stock market में अपने एक्सचेंज होते हैं। ठीक हमारे पास Stock market में NSE और BSE हैं। जो की भारत की दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज कंपनियां हैं। साल 2016 तक के आंकड़ों से ज्ञात होता चाहे कि भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज है। जैसे कोलकाता, जयपुर, चेन्नई स्टॉक एक्सचेंज, आदि लेकिन NSE और BSE ये दो ऐसे एक्सचेंज थे, जिनमे की सबसे ज्यादा ट्रेड की जाती है। NSE और BSE दोनों मुंबई में ही स्थित हैं।

  BSE की शुरुआत 1875 में की हुई थी। और यह एशिया का सबसे प्राचीन और पहला एक्सचेंज है। साथ ही NSE की शुरुआत 1992 को हुई थी। जिसमें की सारी प्रोसेस को कंप्यूटर के द्वारा आयोजित किया गया था। NSE पर 4000 कंपनियां और बीएसई में 9000 कंपनियां लिस्टेड है। एक्टिव कंपनियों की बात करें तो BSE में 3000 कंपनियां अभी तक लिस्टेड है।

शेयर मार्केट कैसे शुरू करें-

     Stock market में यदि आप शुरुआत करने की सोच रहे हैं, और आप शेयर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आप  NSE और BSE एक्सचेंज से डायरेक्ट शेयर नहीं खरीद सकते हैं, इसके लिए आपको फाइनेंसियल ब्रोकर की जरूरत पड़ती है। जिसके माध्यम से आप शेयर की खरीदारी कर सकते हैं।

Stock market में शुरुआत करने के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को जरूरत पड़ती है। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट फाइनेंसियल ब्रोकर द्वारा प्रोवाइड किया जाता है। जिसके माध्यम से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग,ऑनलाइन शेयर खरीद या बेच सकते हैं। यह सब आप अपने मोबाइल से,पीसी से, घर बैठे कर सकते हैं।

डिमैट अकाउंट को ओपन करने के लिए यह जरूरी है, कि आपके पास एक बैंक अकाउंट और उसके साथ साथ जो डॉक्यूमेंट जरूरी है वह हो – पैन कार्ड, आधार कार्ड, अपने हस्ताक्षर और बैंक की स्टेटमेंट। यदि आपके पास ये सारी चीजें हैं तो आप अपना डीमैट एकाउंट खुलवा सकते हैं। जिसके बाद आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

BUY और SELL होने की प्रक्रिया-

       यदि आपने डीमैट अकाउंट ( Demat account ) बना लिया है, और आपको उसमे यह समझ नही आता की इसमें buy और सेल होने का प्रोसेस क्या है, तो आपको मैं बहुत ही आसान उदहारण से समझता हूं। माना कि Mr.राम, विप्रो कंपनी के शेयर Buy करना चाहता है। तो Mr. राम फाइनेंस ब्रोकर के माध्यम से कंपनी का शेयर Buy करेगा। और यदि Mr.श्याम में पहले से इन कंपनी के शेयर पड़े हैं, और वह sell करना चाहता है तो वह भी फाइनेंस शेयर ब्रोकर के माध्यम से ही इसे Sell करेगा।

माना विप्रो company के 1 शेयर की मार्केट वैल्यू चल रही है – ₹700, और Mr.राम 10 Quantity शेयर buy करना चाहता है , तो उसको Pay करना होगा।

700 × 10 = ₹7000
और 2 दिन के अंदर ही उनके Demat account में उस कंपनी के 10 शेयर आ आएंगे। अथवा यह डीमेट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में जमा हो जाएंगे, लेकिन Mr. श्याम ब्रोकर के माध्यम से 10 शेयर sell करता है तो उनके ट्रेडिंग अकाउंट में ₹7000 deposite हो जाएंगे।

Mr. श्याम जब चाहे वह ₹7000 को अपने ट्रेडिंग का अकाउंट से सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकता है। इस तरीके से शेयर को buy एंड sell किया जाता है। और इस सारी प्रोसेस को सेवी द्वारा रेगुलेट किया जाता है ।

स्टॉक मार्केट में शेयर की खरीदारी कैसे करें-

      जब हम डिमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट बनाते हैं तो उस समय हमारा बैंक उस अकाउंट के साथ लिंक रहता है। यदि हमे शेयर की खरीदारी करनी है तो हम money transfer के जरिए अपनी जरूरत के अनुसार  trading account में लेंगे। उसके बाद ट्रेडिंग अकाउंट ( Trading account ) से स्टॉक को Buy करने का आर्डर place करेंगे। वह ब्रोकरेज ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई के पास चला जाएगा। अब स्टॉक एक्सचेंज वह आर्डर सैलर के साथ मैच करेगा और उसके बाद आपका order Executed हो जाएगा।

इसमें आप प्राइस भी सेट कर सकते हैं। जिस प्राइज में आप Buy करना चाहते हैं। और मार्केट प्राइस पर भी। उसके बाद हमारा खरीदा हुआ शेयर दो दिन बाद ट्रेडिंग अकाउंट में आ जाएगा। ट्रेडिंग अकाउंट के बाद इसे आसानी से सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। और अपना दिमाग लगाकर प्रॉफिट भी कर सकते हैं। यदि आप नए हैं, तो आप स्टॉक मार्केट चार्ट ( stock market chart ) की मदद ले सकते हैं।

     लेकिन हम इससे 24 घंटे शेयर की खरीदारी नहीं कर सकते हैं। जिस तरह सब चीजों का एक स्पेशल टाइम होता है, चाहे वह बैंक हो या स्कूल या फिर कोई अन्य जगह हर जगह का एक स्पेशल टाइमिंग होती है। इनकी भी एक timing होती है जिसे स्टॉक मार्केट टाइमिंग कहते हैं। यह मार्केट टाइमिंग 9:00 से शाम के 3:00 बजे तक होता है सुबह 9:00 बजे यहां open होता है, 9 बजे से 9:15 से पहले ही मार्केट अपना डिसीजन ले चुका होता है। जिसे की प्री ओपन मार्केट ( pre open market) कहा जाता है। और मार्केट तब शाम को 3:00 बजे close हो जाता है।