Penny Stock

जब भी आपने बाजार में निवेश किया होगा, तो काफी बार आपको यह सुनने को मिलता होगा कि यदि आपने इस पैनी स्टॉक (Penny Stock) में उस समय में इतना पैसा लगाया होता, तो आप अभी तक इतने रुपयों के मालिक होते। उस समय आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा, आखिर Penny Stock क्या होता है।

तो चलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा कि Penny Stock क्या होता है। हमे इन्हे खरीदना चाहिए, या नहीं। और भी बहुत से महत्वपूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल के मदद से मिल पाएगा।

पैनी स्टॉक (Penny Stock)

पैनी स्टॉक (Penny Stock) उन शेयर को कहा जाता है, जोकि स्टॉक मार्केट (Stock market) में काफी कम प्राइस में चल रहे होते हैं, या फिर कम प्राइस में ट्रेड हो रहे होते हैं। कम प्राइस से मतलब 20 या फिर उससे नीचे वाले शेयर जो इस प्राइस में मार्केट में ट्रेड होते हैं। Penny Stock का तात्पर्य ही सस्ते शेयर, या फिर छोटे शेयर से है। जिसमें की कम प्राइस में हम स्टॉक को Buy कर सकें।

Penny Stock

यदि इसे दूसरे शब्दों में समझें तो स्मॉल कैप कंपनियां या फिर मिड कैप कंपनियों के वे स्टॉक जोकि स्टॉक मार्केट में कम प्राइस में भी खरीदे जा सकते हैं। ऐसे स्टॉक्स में आपको जितना अधिक प्रॉफिट देखने को मिलेगा उतना ही अधिक इसमें रिस्क भी होता है। अधिकतर नए निवेशक ही Penny Stock की और अधिक आकर्षित होते हैं। क्योंकि वह जल्दी पैसे कमाना चाहते हैं।

Penny Stock की असल में सच्चाई यह होती है, कि यह कंपनी या तो पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी होती है, या फिर उनका बिसनेस पूरी तरह से खत्म हो चुका होता है। अब सवाल यह आता है, कि आखिर Penny Stock में लोग इन्वेस्ट क्यों करते हैं। सस्ते के चक्कर में या फिर इनमे स्कॉप भी रहता है।

पैनी स्टॉक में निवेश करने के कारण–

पैनी स्टॉक में इन्वेस्ट करने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जिस वजह से इंवेस्टर इनमे लुभा जाते हैं। Penny Stock को खरीदने के लिए क्यों निवेशक अधिक आकर्षित होते हैं।

  • कम प्राइस को देखते हुए अधिकतर नए निवेशक अधिक आकर्षित होते हैं, वह सोचते हैं, कि कम प्राइस में अधिक शेयर लेने पर यदि वह शेयर एक भी रुपए बढ़ गया तो उसे एक अच्छा प्रॉफिट देखने को मिल जायेगा। लेकिन यदि वह महंगा शेयर खरीदेगा तो उसको कम ही शेयर मिल पाएंगे। लेकिन आपको बता दें, की जितना सस्ता शेयर उसकी वैल्यू उतनी कम और उतने ही डूबने के उसके चांसेज होते हैं।
  • कम कीमत वाले शेयर के बढ़ने के चांसेस ज्यादा होते हैं, क्योंकि उन कंपनियां का बिजनेस बहुत छोटे स्केल से हो रहा होता है। इसमें जितना अधिक रिटर्न की संभावनाएं होती है, उसमें उतना ही अधिक रिस्क भी होता है। लोग पैनी स्टॉक को अगला एचडीएफसी बैंक कंपनी समझ कर उसमे इन्वेस्ट करने की सोचते हैं। क्योंकि एचडीएफसी का शेयर भी एक पैनी स्टॉक था और उसने आज सभी निवेशकों को एक अच्छा प्रॉफिट कमा कर भी दिया।

इन्हीं वजह से छोटे रिटेल निवेशक से लेकर के बड़े बड़े इंस्टीट्यूशन इन्वेस्टर्स भी इसकी और आकर्षित होते हैं। जिसमे की अच्छा मल्टीबेगर रिटर्न्स की आशा हर कोई इंवेस्टर लगाए फिरता है।

पैनी स्टॉक क्यो इतने रिस्की–

पैनी स्टॉक जो होते हैं, वह लार्ज कैप की तुलना में काफी अधिक रिस्की होते हैं। इसमें सोचने वाली बात यह है, कि क्यों वह शेयर पैनी स्टॉक बना है, क्या उस कंपनी के पास कर्जा है, या फिर उस कंपनी की तरह दूसरी कंपनी बन गई जो की लोगों को अच्छी सर्विस देने लगी है। या फिर उस कंपनियों का बिजनेस ही चौपट हो गया है। या फिर कंपनी प्रॉफिट जेनरेट नहीं कर पा रही है।

आपको इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए, कि कोई भी कंपनी हो उसका एक बिजनेस होता है, और हर एक शेयर के पीछे कोई न कोई कंपनी जरूर जुड़ी होती है, इसलिए आप जब भी आप किसी शेयर में पैसा लगा रहे हैं, तो आप उस कंपनी के बिजनेस में पैसा लगाते हैं। आपको हमेशा यह याद रखना है, कि जितना सस्ते में पैनी स्टॉक आपको मिल रही है। वह शेयर आपको उतना ही महंगा भी पड़ सकता है।

पैनी स्टॉक के रिस्की होने के कुछ कारण हर निवेशक को पता होने चाहिएं

  • जानकारी का अभाव होना।
  • ज्यादा वोलेटिलिटी का होना।
  • कम लिक्विडिटी का होना।
  • ऑपरेटर के द्वारा दाम का घटना और बढ़ना।
  • उप्पर नीचे चल रहे स्टॉक को देख कर अधिक आकर्षित होना।

पैनी स्टॉक के फायदे

  • पैनी स्टॉक में निवेश करने वाले लोगों को कम पैसे लगा कर अधिक प्रॉफिट कमाने का मौका मिल जाता है।
  • कम प्राइस में अधिक शेयर खरीदने को मिल जाता है।
  • छोटी कम्पनियां होने के कारण इनमे ग्रोथ अच्छी होती है।
  • वोलेटाइल होने की वजह से इसमें कम समय में अधिक रिटर्न भी देखने को मिल जाते हैं। जिस वजह से यह इंवेस्टर की पहली पसंद बने रहते हैं।

पैनी स्टॉक के नुकसान

  • छोटी कंपनी होने की वजह से इसके डूबने के चांस भी उतने ही बन जाते हैं। क्योंकि यह एक स्मॉल कैप कंपनियां होती है।
  • इन स्टॉक में लगातार अपर सर्किट और लोअर सर्किट लगता रहता है।
  • इन शेयर में ट्रेडिंग करना काफी मुश्किल होता है। इसमें बाय और सेल करने में भी काफी दिक्कत होती है।
  • इनमें लिक्विडेशन काफी कम होता है, जिस वजह से कोई भी ऑपरेटर इसे आसानी से ऑपरेट कर लेता है।
  • इन स्टॉक्स में पंप एंड डंप देखने को मिलता है।

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