जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है?

आपने शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव को तो देखा ही होगा। जिसमें गिरावट और बढ़त जैसे खबरें आम होती हैं। तो जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है, यह सवाल आपके मन में भी जरूर आया होगा। आखिर कहां जाता है, आपका पैसा गंवाने के बाद।

तो चलिए आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताऊंगा कि आखिर जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है। क्या किसी के नुकसान होने पर किसी दूसरे निवेशक को फायदा होता है? आइए जानते हैं।

जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है–

जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है, इसको समझने से पहले आपका यह समझना जरूरी है, कि जब भी कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होती है, तो कंपनियों के शेयर में इंवेस्टर निवेश करते हैं। और जो कंपनी जितना अच्छा परफॉर्मेंस करती है, उस कंपनी के शेयर उतने ही बढ़ते जाते हैं। और कंपनी की डिमांड भी बड़ जाती है।

जब शेयर मार्केट गिरता है,

इसके साथ साथ जिन कंपनियों का खराब परफॉर्मेंस होता है, उन कंपनियों के शेयर प्राइस उतने ही कम होते चले जाते हैं। इसका मतलब यह है, कि कंपनी के अच्छा परफॉर्मेंस करने पर कंपनी में इंवेस्टर इन्वेस्ट करते हैं। और खराब प्रदर्शन होने पर इंवेस्टर अपनी इन्वेस्टमेंट को निकाल लेते हैं।

जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है, तो इसका जवाब है, की आपका पैसा इंवेस्टर के पास ही जाता है। क्योंकि शेयर मार्केट एक सप्लाई और डिमांड के फॉर्मूले पर काम करता है। हर किसी इंवेस्टर को अपना फैसला सही ही लगता है। शेयर बेचने वाला सोचता है, की वह बेच कर एक अच्छा डिसीजन ले रहा है, वहीं खरीदने वाला सोचता है, कि वह इस समय शेयर को खरीद कर अच्छा फैसला ले रहा है।

माना किसी कंपनी के शेयर का प्राइस अभी 80 रुपए चल रहा है, और वह शेयर किसी A इंवेस्टर के आस पहले से मौजूद है, और उसको लगता है, की वह शेयर का प्राइस अब 80 से उप्पर न बढ़कर अब नीचे जा सकता है। वह उसको बेचना चाहता है, वहीं दूसरी तरफ B इंवेस्टर सोचता है, की इस कंपनी के शेयर प्राइस अभी और बढ़ सकता है। तो वह उस शेयर को खरीदना चाहता है।

दोनों ही इंवेस्टर A और B को लगता है, की वह दोनों अपना फैसला सही ले रहे हैं। लेकिन आपको बता दें, की जिस तरफ शेयर में बायर की संख्या अधिक होगी तो शेयर का प्राइस उप्पर और यदि सेलर की संख्या ज्यादा होगी तो शेयर का प्राइस नीचे की ओर चलने लगेगा।

और मार्केट में जिधर भी बायर या फिर सेलर का प्रेशर अधिक होगा, मार्केट उधर ही अपनी movement करेगा। किसी का पैसा डूब जाने पर वह पैसा किसी दूसरे इंवेस्टर के पास ही जाता है। मतलब की यदि यहां किसी इंवेस्टर का नुकसान हुआ है, तो उतना ही फायदा किसी दूसरे इंवेस्टर को हुआ होगा।

शेयर मार्केट कैसे चलता है

जब कोई भी व्यक्ति अपना बिजनेस स्टार्ट करता है, और उसको फंडिंग की जरूरत होती है। फंडिंग के ना मिलने पर वह व्यक्ति कंपनी बनाता है, और उस कंपनी को SEBI की मदद से स्टॉक मार्केट में उतारने का प्रयास करता है। सेबी के रूल और रेगुलेशन को पूरा करता है। और सेबी की मंजूरी मिलने पर वह स्टॉक मार्केट में लिस्टेड करते हैं।

शेयर बाजार में लिस्ट करने के लिए नई कंपनी का होना जरूरी नहीं है, पुरानी कंपनी भी शेयर मार्केट में लिस्टेड होती हैं। और जो कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड हो जाती है, उसमे इंवेस्टर इन्वेस्ट कर सकते हैं। और उस कंपनी का हिस्सेदार बन सकते हैं।

आपको बता दें, कि स्टॉक मार्केट में आने के लिए आपको BSE, या फिर NSE में रसिस्टर करवाना होता है। और जिस किसी भी कंपनी में निवेशक निवेश करता है, वह उस कंपनी का हिस्सेदार बन जाता है। यह हिस्सेदारी खरीदे गए शेयर की संख्या पर निर्भर करता है। शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर करता है। मार्केट में कंपनी और शेयर धारक के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर ही करते हैं।

स्टॉक मार्केट ऑपरेटर (Stock market operator)

दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे, Stock market operator के बारे में। आपने बहुत बार लोगों के मुंह से यह जरूर सुना होगा कि इस स्टॉक में आज इतनी प्वाइंट की रैली देखने को मिली। या फिर इस स्टॉक का वॉल्यूम आज अन्य दिनों के मुकाबले बहुत अधिक है। तो इसमें पक्का Stock Market operator घुसा होगा।

तो चलिए दोस्तों आज की यह पोस्ट Stock market operator के नाम। आज हम Stock market Operator के बारे में विस्तार से जानेंगे। कि आखिर ये होते कौन हैं, और इनके पसंदीदा स्टॉक कौन से होते हैं।

स्टॉक मार्केट ऑपरेटर (Stock Market operator)

विवरण – जितने भी रिटेल इंवेस्टर होते हैं, उनका सबसे बड़ा नुकसान उनके डर से होता है। और इस कमजोरी का ही फायदा Stock market Operator द्वारा उठाया जाता है।

Stock market Operator

Stock market Operator के पास बहुत अधिक मात्रा में पैसा होता है। जिससे की वह किसी भी शेयर को अधिक क्वांटिटी में खरीद करके उस शेयर को आसानी से मैन्युकुलेट कर लेते हैं। और रिटेल निवेशक सस्ते के चक्कर में इन स्टॉक में फंस कर रह जाते हैं।

स्टॉक मार्केट ऑपरेटर कैसे काम करता है–

Stock market Operator के द्वारा कुछ इस तरह से स्टॉक के साथ खेल किया करते हैं, जिससे रिटेल निवेशकों को फंसाया जा सके। उनके द्वारा ऐसे स्टॉक में काफी अधिक मात्रा में पैसे लगाए जाते हैं, जिनका कोई भी फ्यूचर नही होता है। और यह ऐसे स्टॉक होते हैं, जो हर किसी को सस्ते दाम में मिल रहे होते है, ताकि हर कोई रिटेल निवेशक इन्हें लेने में सक्षम हो।

जो भी नए निवेशक होते हैं, वह हमेशा सस्ते शेयर में ही अपना फ्यूचर समझते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है, कि कम प्राइस में ज्यादा शेयर उनको मिल जाएंगे। लेकिन stock market operator द्वारा इन शेयर को ऑपरेट किया जाता है। और जैसे ही इन शेयर में ऑपरेटर को अच्छा पैसा दिखने लगता है, वैसे ही वह इन सब शेयर को एक साथ बेच देते हैं। और रिटेल निवेशक को भारी नुकसान देखने को मिलता है।

ऑपरेटर छोटे निवेशकों को क्यों फंसाते हैं–

ऑपरेटर को यह बात अच्छे से पता होती है, कि छोटे निवेशक बड़ी आसानी से लालच में फंस जाते हैं। इसके साथ साथ जो नए निवेशक होते हैं, उनके पास डर काफी अधिक होता है, जिस वजह से वह महंगे शेयर लेने की जगह बेकार के सस्ते शेयर खरीदना चाहते हैं। इसके साथ साथ वह पैनी स्टॉक में पैसे काफी अधिक लगाते हैं। इसके साथ साथ वह news based stocks में पैसा लगाते हैं।

ऑपरेटर से कैसे बचें–

नए निवेशक को हमेशा ही फंडामेंटल स्ट्रॉन्ग शेयर को ही चुनना चाहिए। इसमें यदि नए निवेशक अपना निवेश करते हैं, तो छोटी अवधि में उन्हें नुकसान देखना पड़ सकता है। लेकिन लंबी अवधि के अंतर्गत उन्हे एक अच्छा रिटर्न्स ही देखने को मिलेगा।

असल मायने में ऑपरेटर वह होते हैं, जिनके पास बहुत अधिक पैसा होता है, ये आपके ब्रोकर भी हो सकते हैं, या फिर म्यूचुअल फंड हाउस भी हो सकते हैं, या फिर कोई बड़े इंस्टीट्यूशन भी हो सकते हैं। लेकिन हमें इनसे बच कर रहना है, इससे बचने के लिए हमें अच्छे फंडामेंटल स्ट्रॉन्ग शेयर में ही अपना निवेश करना चाहिए।

जिन कंपनियों का मार्केट कैप बहुत बड़ा होता है। उन कंपनियो में ऑपरेटर के पैसों का अधिक असर नहीं पड़ता है। और वह कंपनियां 1 से 2 प्वाइंट भी मुश्किल से बढ़ पाती है। इसलिए आप उन कंपनियो में भी अपना निवेश कर सकते हैं, जिनका मार्केट कैप काफी बड़ा होता है।

शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए

शेयर मार्केट में कब इन्वेस्ट करना चाहिए, या फिर शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए, मार्केट में सबसे अच्छा समय कौन सा रहेगा जब हमको इन्वेस्ट करना चाहिए, ताकि हम एक अच्छा रिटर्न्स कमा सकें, ये सवाल हर किसी निवेशक के मन में घूमते रहते हैं।

तो चलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा कि शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए। ताकि आपको एक अच्छा रिटर्न्स मिल सके।

शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए ?

शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए

स्टॉक मार्केट (Stock market) में सबसे अच्छा समय इन्वेस्ट करने का वह होता है, जब पूरा मार्केट गिरा हुआ होता है। इसकी मुख्य वजह यह है, क्योंकि मार्केट के गिरने के दौरान पूरा बाजार डरा होता है, और इंवेस्टर अपने शेयर को बेचने लगते हैं। जिस वजह से हमको शेयर बड़े सस्ते दाम में मिल जाते हैं। अतः आपको शेयर बाजार में पैसा गिरावट के समय ही लगाना चाहिए। यह बात तो हो गई, शॉर्ट टर्म के लिए। लेकिन क्या इतना ही सब काफी है, इन्वेस्टमेट के लिए, तो उत्तर है, नहीं। तो आइए जानते हैं, उन महत्वपूर्ण बातों को जिन्हें शेयर खरीदते समय ध्यान में रखना चाहिए।

  • कभी भी लोगों की बातों में विश्वास कर के पैनी स्टॉक में पैसा नहीं लगना चाहिए, हमको अपनी खुद की रिसर्च भी कर लेनी चाहिए। और तब पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए।
  • दूसरों की टिप्स लेने से अच्छा आप खुद की रिसर्च करें, ताकि आप अच्छे से सीख भी सकें, और आपको अच्छा रिटर्न्स भी मिल सकें। वरना आप सिर्फ लास्ट में अपना पैसा ही गंवाएंगे।
  • स्टॉक मार्केट कोई जुए की तरह नहीं है, कि आप रात ही रात इससे अमीर बन जाओगे, इसमें यदि आपको इन्वेस्ट करना है, तो आपको स्टॉक मार्केट का बेसिक नॉलेज होनी चाहिए। यदि आप बिना सीखें ही इन्वेस्ट करेंगे, और आपको नुकसान होगा तो आप इसे जुआ कह कर छोड़ देंगे।
  • आप केवल उन ही शेयर में इन्वेस्ट करें जिनके फंडामेंटल अच्छे होंगे, ताकि आपको नुकसान कम से कम नुकसान हों सके। और फंडामेंटल अच्छी कंपनियां आपको तब ही मिलेगी, जब आप किसी शेयर में अच्छे से रिसर्च करेंगे।
  • हर समझदार निवेशक अपनी कैपिटल को तब ही निवेश करता है, जब वह अच्छे से किसी शेयर में रिसर्च करता है, और उसे लगता है, कि कंपनी में सही में ही काफी दम है। और वह कंपनी उसे एक अच्छा रिटर्न्स कमा कर दे सकती है।

शेयर मार्केट में पैसे लगाने का एक बेहतर समय।

शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए की यदि हम बात करें तो आपको बता दूं, कि मार्केट ओपन होते ही कभी भी सीधे ट्रेड में नहीं घुसना चाहिए। बल्कि आपको थोड़ी देर इंतजार करने के बाद उसका वॉल्यूम और ट्रेड देखने के बाद ही इन्वेस्ट करना चाहिए।

आपको मार्केट में कुछ घंटे इंतजार करने के बाद दिखेगा कि मार्केट में अब एक अच्छा खासा वॉल्यूम दिखने को मिल जाएगा। और आप फिर इस चीज का डिसीजन ले सकते हैं, कि आपको ट्रेड करना चाहिए, या फिर नहीं। वॉल्यूम का मतलब होता है, कि इंवेस्टर या फिर ट्रेडर अपने कितने शेयर को खरीद और बेच रहे हैं।

यदि इंवेस्टर अपने शेयर को बहुत ज्यादा खरीद और बेच रहे हैं, और आपको इंट्राडे ट्रेड करना है, तो आप इस स्तिथि में शॉर्ट सेल कर के उससे एक अच्छा रिटर्न्स कमा सकते हैं। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे, कि इंट्राडे में काफी अधिक रिस्क होता है। जिससे आपके पैसे डूबने के चांसेस भी अधिक हो जाता है। इसी लिए यह सलाह दी जाती है, कि आपको हमेशा स्टॉप लॉस को लगा कर ही ट्रेड करना चाहिए।

मेरी सलाह तो आपको यही रहेगी की यदि आपको टेक्निकल एनालिसिस की अच्छी खासी नॉलेज है, तो ही आप यह करें, वरना आप शुरुआत में इन चीजों से दूर ही रहें, तो ही ज्यादा सही रहेगा।

शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए।

शेयर बाजार में पैसा कब लगाना चाहिए ― आपको बाजार में पैसा लगाने से पहले इस चीज की जानकारी होनी चाहिए, कि आखिर किसी भी शेयर का प्राइस उप्पर या फिर नीचे क्यों जाता है।
यह सवाल जानने की जरूरत आपको इस लिए है, क्युकी जब कभी भी वह शेयर डाउन जाने लगे जिसमे की आपने पैसे लगाएं हैं, तो आप पैनिक में आ कर के उस शेयर को बेचने लगेंगे। और यह अक्सर वे लोग होते हैं, जो अधिकांशत एक्सपर्ट की बातों में यकीन या फिर टीवी चैनल में देख कर के इन्वेस्ट करते हैं।
लेकिन आपको बता दें, की यह समय ही सबसे अच्छा समय होता है, जिस समय आप अपना पैसा मार्केट में लगा सकते हैं। यदि आपने एक फंडामेंटल स्ट्रॉन्ग कंपनी को चुना है, तो आपको किसी कंपनी के शेयर के घटने या फिर बढ़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता चाहिए, क्योंकि यह कुछ ही समय तक दिखने वाली गिरावट होती है, लॉन्ग टर्म में यह एक अच्छा रिटर्न कमा कर ही देते हैं।

और सबसे मुख्य बात की किसी भी शेयर में हमें पैसे तब लगाना चाहिए, जब वह शेयर अपनी इंट्रांसिक वैल्यू (Intrinsic value) से कम प्राइस पर ट्रेड कर रहा हो। दुनिया के जाने माने निवेशक वारेन बफेट भी इसी तरीके से वैल्यू इन्वेस्टिंग कर के अपने लिए मजबूत शेयर को चुनते हैं।

Tax saving tips

आज कल की महंगाई से सभी लोगों की जेब ढ़ीली होती दिख रही है। वहीं जिन लोगों की सालाना कमाई 5 लाख से थोड़ा ही ज्यादा है, तो उनको इस बात की टेंशन हुई रहती है, कि पहले ही इतने खर्चे हैं, और ऊपर से उनको टैक्स भी चुकाना पड़ता है। उन लोगों को Tax saving tips के बारे में कुछ भी नॉलेज नही रहता जिस वजह से वह अपने आप को कोश्ते रहते हैं।

तो चलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको उन Tax saving tips के बारे में बताऊंगा जिनकी मदद से की आप कम टैक्स देकर के अपनी मनी की सेविंग कर सकते हैं।

टैक्स सेविंग टिप्स (Tax Saving Tips)

टैक्स सेविंग टिप्स (Tax saving tips) को जानने से पहले आपको टैक्स रूल के बारे में सामान्य जानकारी दे देता हूं।

Tax Saving Tips

टैक्स नियम के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की सालाना कमाई ढाई लाख (2.5 लाख) तक की है, तो उस व्यक्ति को कोई भी टैक्स पे नहीं करना होता है। यदि 2.5 लाख रुपए से और 5 लाख तक के बीच में है, तो उस व्यक्ति को 5% तक का टैक्स देना पड़ता है। और यदि उस व्यक्ति की सालाना इनकम 5 से 10 लाख रुपए तक है, तो उसको 20% टैक्स और यदि 10 लाख से ऊपर की इनकम है, तो उसे 30% टैक्स देना होता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि टैक्स के स्लैब प्रत्येक साल वित्तीय वर्ष में चेंज किए जाते हैं। कभी कभी सरकार इसमें कोई बदलाव भी नही करती है।

तो चलिए जानते हैं, Tax saving tips को जिनकी मदद से आप अपने कैपिटल inco को सेफ कर सकते हो।

1.स्टैंडर्ड डिड्क्शन (Standard Deduction)

Tax Saving Tips में आपका सबसे पहले स्टैंडर्ड डिडक्सन आ जाएगा। जिसके तहत की आपको अपनी इनकम में 50,000 रुपए तक की छूट मिलती है।

2. सेक्शन 80C धारा

सेक्शन 80C धारा के तहत आप अपने लगभग डेढ़ लाख रुपए तक बचा सकते हैं। इसके लिए आपका निवेश PPF, ELSS, NSC, EPF आदि में निवेश करना होता है। इसके अलावा यदि आपके बच्चे हैं, तो आप उनकी शिक्षा के लिए 1.5 लाख रुपए तक की इनकम पर इनकम टैक्स (Income tax) छूट का लाभ ले सकते हैं।

3. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)

यदि आप नेशनल पेंशन स्कीम में सालाना 50,000 रुपए तक इन्वेस्ट करते हैं, तो सेक्शन 80 CCD के तहत आप अपनी इनकम में 50 हजार रुपए तक बचा सकते हैं। जोकि आपको इनकम टैक्स देने से बचा सकते हैं।

4. होम लोन (Home Loan)

यदि आपने बैंक से अपने लिए होम लोन लिया हुआ है, तो आप अपने अतिरिक्त 2 लाख रुपए तक की सेविंग कर सकते हो। इनकम टैक्स के सेक्शन 24 B के तहत 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर आप टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हो। जिसे की आप अपनी सालाना आय से घटा सकते हो।

5. सेक्शन 80D की धारा

सेक्शन 80D की धारा के तहत आप मेडिकल पॉलिसी को ले सकते हैं। इस हेल्थ इंश्योरेंस में आपका, आपकी पत्नी और बच्चों का नाम भी होना चाहिए। इसमें आप प्राइवेंटिव हेल्थकेयर चेकअप की लागत के साथ साथ हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम के लिए 25 हजार रुपए तक का क्लेम कर सकते हैं।

इसके अलावा यदि आपके माता–पिता सीनियर सिटीजन के हैं, तो फिर आप उनके नाम पर भी हेल्थ इंश्योरेंस को खरीदकर 50 हजार रुपए तक का अतिरिक्त क्लेम ले सकते हैं।

6. सेक्शन 80G की धारा

इनकम टैक्स के इस सेक्शन के अंदर आप 25 हजार तक का टैक्स डेडक्शन दान या फिर चंदा देकर के माफ कर सकते हैं। लेकिन यह तब ही मान्य होगा जब आप दान या फिर चंदा की मुहर लगी हुई रसीद को जमा करेंगे। इनकम टैक्स के सेक्शन 80G के तहत आपको 25 हजार तक के अमाउंट में छूट मिल सकती है। यह भी एक tax saving Tips है, जोकि बहुत से लोगो को पता नहीं होती है।

7. सेक्शन 87A की धारा

इनकम टैक्स के अनुसार यदि आप 5 लाख रुपए की कमाई सालाना करते हैं, तो आप पर टैक्स 12,500 रुपए याने की ढाई लाख का 5% बनता है। ऐसे स्तिथि में सेक्शन 87A के तहत साढ़े 12 हजार रुपए तक का डिबेट मिल जाता है। और आपको कोई भी टैक्स नहीं देना होता है।

उम्मीद करता हूं कि आपको आज का टॉपिक Tax Saving Tips के बारे में अच्छे से समझ आ गया होगा।

Fundamental analysis

बहुत से लोगों को Fundamental analysis के नाम से ही डर लगने लगता है, लेकिन यदि शेयर मार्केट (Stock market) में किसी कंपनी में इन्वेस्ट करना है, तो Fundamental analysis सबसे जरूरी होती है। जिसका मतलब होता है, कि किसी भी कंपनी की पूरी डिटेल्स को निकालना। स्टॉक मार्केट में कंपनी का दो तरीके से एनालिसिस किया जाता है। पहला Technical analysis और दूसरा Fundamental analysis,

तो चलिए दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की Fundamental analysis क्या होता है।

फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental analysis)

फंडामेंटल एनालिसिस वह प्रोसेस होती है, जिसमें की निवेशकों को किसी स्टॉक्स के चयन के लिए उसकी पुरानी हिस्ट्री जाननी होती है, जिससे की निवेशक उसके पुराने सारे रिकॉर्ड्स को अच्छे से जान कर उसमें इन्वेस्ट कर सकें।

Fundamental analysis

किसी भी कंपनी के पिछले रिकॉर्ड्स निकालने से मतलब उस कंपनी के प्रॉफिट–लॉस, रेवेन्यू, कंपनी का मैनेजमेंट, कंपनी क्या प्रोडक्ट बनाती है, उस प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, आदि चीजों से है। कोई भी कंपनी हो यदि उसमें स्मार्ट इंवेस्टर इन्वेस्ट करे तो वह कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental analysis) जरूर करेगा।

फंडामेटल एनालिसिस को देखने से हमें कंपनी की ग्रोथ का यह पता भी लग जाता है, कि कंपनी प्रॉफिट कर रही है, या फिर लॉस। क्योंकि इसमें कंपनी का बहुत ही बारीकी से विश्लेषण किया जाता है। Fundamental analysis में यह देखा जाता है, कि वह कंपनी आर्थिक रूप से कितनी मजबूत है, क्या यह कंपनी हमें लॉन्ग टर्म में एक अच्छा रिटर्न्स दे सकती है।

अधिकतर लॉन्ग टर्म इंवेस्टर (Long term investing) जो होते हैं, वह कंपनी में इन्वेस्ट उस कंपनी के फंडामेंटल को देख कर ही किया करते हैं। Fundamental analysis भी दो प्रकार के होते हैं।

  • Qualitative Analysis
  • Quantitative Analysis
Qualitative Analysis

Quanlitative Analysis में किसी भी कंपनी के एनालिसिस को हम नंबर के फॉर्म में नहीं देख सकते हैं। इसमें हम नंबर को देखने की जगह कंपनी की ब्रांड वैल्यू को देखते हैं। और कंपनी के जो भी कंपीटीटर होते हैं, उनसे आपस में तुलना करते हैं। इस तरीके से हमको किसी भी कंपनी की जानकारी मिलती है। यह प्रत्येक इंसान के लिए अलग अलग हो सकती है। किसी भी कोई प्रोडक्ट अच्छा लगता है, तो किसी को कोई और प्रोडक्ट अच्छे लगते हैं।

Quantitative analysis

Quantitative analysis में हम किसी भी कंपनी के बारे में नंबर में जान सकते हैं। इसमें कंपनी की बैलेंस शीट को देखा जाता है, जिसमें की कंपनी का PE Ratio, Earning, EPS Ratio, Dividend, Cash Flow आदि चीजों के आधार पर इन्वेस्ट किया जाता है। यदि ये सब चीजें कंपनी की खराब रहती है, तो कंपनी को कमजोर समझा जा सकता है।

कंपनी का फंडामेटल एनालिसिस कैसे करें

किसी भी किसी कंपनी का जब हमें Fundamental analysis करना होता है, तो हम सबसे पहले उस कंपनी का बैलेंस शीट देखेंगे। इससे हमें कंपनी की पूरी जानकारी मिल जाती है। यदि हमें कंपनी का फंडामेंटल चेक करना है, तो हम गूगल में जा कर के NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) की वेबसाइट में VISIT कर सकते हैं। जोकि एक सेबी रजिस्टर्ड वेबसाइट है। इसमें हमें किसी एक्सपर्ट की भी जरूरत नहीं पड़ती है। और कंपनी के बारे में अच्छे से जानकारी भी मिल जाती है। और फिर हम एक अच्छी कंपनी में इन्वेस्ट भी कर सकते हैं।

फंडामेंटल एनालिसिस कैसे उपयोगी है–

जो भी इंवेस्टर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग करते हैं, उनके लिए फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है, एनालिसिस करने से उनको वे स्टॉक्स बड़ी आसानी से मिल जाते हैं, जिनसे की उन्हें आने वाले समय में एक अच्छा रिटर्न्स मिल सकता है। साथ ही अच्छे बिसनेस वाली कंपनियां भी आसानी से मिल जाती है। फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग हमेशा लंबे समय के लिए इन्वेस्ट के लिए किया जाता है। इसमें जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नही रखा जाता है। बल्कि इन्वेस्ट किए गए शेयर में सही रेट ऑफ रिटर्न्स पर कंपाउंडिंग करने में ध्यान दिया जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस के लिए मुख्य बिंदु

  • Balance sheet
  • Profit or loss
  • Annual report
  • Cash Flow
  • EPS (Earning per share)
  • Book value
  • Sales
  • Growth
  • Opponent company
  • Debt
  • Company Managemet Ect

Rupee Vs Dollar

हाल ही में Rupee Vs Dollar के बीच टक्कर देखने को मिल रही है। एक डॉलर की कीमत 80 रुपये तक पहुंच गई है। संसद में बहुत से बड़े नेताओं का कहना है, कि 2014 के बाद डॉलर के मुकाबले रुपए में अभी तक 25 परसेंट की गिरावट देखी गई है। आखिर Rupee Vs Dollar में रुपए कमजोर क्यों होता चला जा रहा है।

तो चलिए आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताऊंगा की आखिर किस वजह से रुपए कमजोर होता चला जा रहा है। और क्या बाकी करेंसी स्टेबल हैं, या फिर उनमें भी गिरावट देखने को मिल रही है।

Rupee Vs Dollar

19 जुलाई 2022 मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपए गिरकर के ऑल टाइम लो पर मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण विनिमय दर के स्तर डॉलर के मुकाबले 80 पर पहुंच गया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की माने तो रुपया घटकर 80.06 प्रति डॉलर पर आ गया।

Rupee Vs Dollar

रुपया विनिमय दर क्या है?

अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की विनिमय दर जो है, वह अनिवार्य रूप से एक अमेरिकी डॉलर को खरीदने के लिए आवश्यक रुपये की संख्या है। और यह न केवल अमेरिकी सामान को खरीदने बल्कि अन्य सेवा जैसे की कच्चा तेल, कमोडिटी के अन्य इक्विपमेंट आदि की पूरी मेजबानी के लिए एक मुख्य मीट्रिक है, जिसके लिए भारतीय लोगों व कंपनियों को डॉलर की आवश्यकता होती है।

जब भी भारतीय रूपये कमजोर होता है, तो बाहर से सामानों को लेना (आयात करना) महंगा हो जाता है। और यदि कोई भारतीय समानों को बाहर देश बेचता है, (निर्यात करना) तो उसे तो फायदा होगा ही इसके साथ साथ अमेरिका देश को भी इसका फायदा होगा, क्युकी अमेरिका को इसमें कम डॉलर पे करने पड़ेंगे।

डॉलर के मुकाबले रुपया क्यों कमजोर हो रहा। (Rupee Vs Dollar)

सरल शब्दों में कहा जाए तो Rupee Vs Dollar में रुपए इसलिए कमजोर होता चला जा रहा है, क्योंकि बाजार में रुपए की तुलना में डॉलर की मांग ज्यादा है। और यह मांग डॉलर की दो कारणों से बढ़ रही है।

पहला कारण यह है, कि भारत जितना निर्यात करता है, उससे ज्यादा भारत वस्तुओं और सेवाओं का आयात करता है। इसे ही CAD (CURRENT ACCOUNT DEFISIT) कहा जाता है। इसका तात्पर्य यह है, कि जितना विदेशी मुद्रा भारत में आ रही है, उससे अधिक विदेशी मुद्रा (विशेषकर डॉलर) भारत से बाहर चली जा रही है।

2022 की शुरुआत के बाद से ही जैसे ही यूक्रेन रसिया वॉर चल रहा है, कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी के कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से भारत का CAD बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। और जो सामान विदेशों से मंगवाया जा रहा है, उसमें भारतीय ज्यादा डॉलर देने की मांग कर रहे हैं।

दूसरा कारण यह है, कि भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश में गिरावट दर्ज की गई है। भारत देश के साथ साथ अधिकांश विकाशील देशों में CAD की प्रवृत्ति होती है। लेकिन विदेशी निवेशकों द्वारा अपना कैपिटल भारत से निकालने में ज्यादा जोर दिया जा रहा है। और यह निकासी 2022 शुरुआती से ही देखने को मिल रही है।

ऐसा इसलिए भी हुआ है, क्योंकि भारत की तुलना में अमेरिका में व्याज दर अधिक तेजी से बढ़ रहा है। अमरीका में उच्च मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक द्वारा बड़ी तेजी से व्याज दर बढ़ा रहा है। जिस वजह से लोग भारतीय शेयर मार्केट (Stock market) में इन्वेस्ट न करके अपने ही देश में इन्वेस्ट कर रहे हैं। ताकि उनको भी एक अच्छा रिटर्न्स मिल सके।

इन दोनों कारणों से ही डॉलर के सामने रूपये की मांग बहुत कम होती जा रही है। यही वजह है, कि डॉलर के मुकाबले रुपए कमजोर होता चला जा रहा है।

केवल रुपए में ही या फिर अन्य मुद्रा में भी आई गिरावट

भारतीय मुद्रा के साथ साथ अन्य करेंसी में भी गिरावट देखने को मिली है। यूरो और जापानी येन समेत अन्य सभी मुद्रा के मुकाबले डॉलर मजबूत हो रहा है। परंतु यूरो जैसी बहुत से मुद्राओं के मुकाबले रुपए में तेजी देखने को भी मिली है।

अमीर बनने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके

अमीर होना किसको पसंद नहीं होता, लेकिन आपकी कुछ गलतियों की वजह से आप अपने मिशन में सफल नहीं हो पाते हैं। और अमीरी की ओर बढ़ने से रुक जाते हैं। अमीर बनने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके यदि आप अपनाते हैं, तो आप अपने लक्ष्य को बड़ी आसानी से हासिल कर सकते हैं।

तो चलिए आज मैं आपको अमीर बनने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके बताऊंगा, जिससे कि आप गरीब होने से बच सकते हैं।

अमीर बनने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके (How to Get Rich)

अमीर बनने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके

बहुत से लोगों का जो अमीर बनने का सपना होता है, वह कुछ ही लोग साकार कर पाते हैं। और वह अपनी जिंदगी में अच्छा खासा आनंद भी लेते हैं। और ये वे लोग हैं, जो कि अमीर बनने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके अपनाते हैं। तो चलिए जानते हैं, उन तरीकों को –

1. बचत करना सीखें

बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जोकि बचत नहीं किया करते हैं। और बचत न होने की वजह से वह गरीबी की ओर बढ़ते जाते हैं। सीमित आमदनी के बाद भी यदि आप अमीर बनना चाहते हैं, तो आपको आज से ही बचत को शुरू कर लेना चाहिए।

आपको यह बात हमेशा ध्यान में रखना चाहिए, कि जीवन में कमाना, बचाना बहुत जरूरी है, लेकिन अपनी बचत पर सबसे ज्यादा रिटर्न्स कमाना अमीर बनने की नींव होती है।

2. बिजनेस करना

काफी लोग बिजनेस के नाम सुनते ही डरने लगते हैं, लेकिन आपको बता दें, कि जिस चीज में जितना अधिक रिस्क होता है। उसमे प्रॉफिट की संभावना भी उतनी ही अधिक होती है। आप बिसनेस शुरू करे लेकिन कम रिस्क के साथ। एक्सपीरियंस के साथ साथ अपने रिस्क को बाद में बड़ा सकते हैं।

3. जल्द बचाना शुरू करें

इसे सीधे एक उद्धरण से समझते हैं, यदि किसी व्यक्ति ने 25 साल की उम्र में सालाना 1 लाख का निवेश किया है, और उसे 12 परसेंट का रिटर्न्स इंडेक्स फंड में मिल रहा है, तो वह 60 की उम्र में 5 करोड़ का मालिक होगा। लेकिन यदि आपने 10 साल बाद निवेश शुरू किया तो आपको 5 करोड़ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सालाना साढ़े 3 लाख रुपए इन्वेस्ट करने होंगें। और यही अमाउंट आपको 45 की उमर में शुरू करने पर 12 लाख इन्वेस्ट करने होंगे।

4. क्रेडिट और डेबिट कार्ड का सदुपयोग करना

क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या डेबिट कार्ड (Debit Card) का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। अनावश्यक चीजों की खरीददारी नही करनी चाहिए। और इसमें मिले गए बोनस को भी सैलरी की तरह मानकर आपको हमेशा खर्च और बचत करना चाहिए।

5. समय के अनुसार बचत को बढ़ाए

सालाना बचत की रकम को बढ़ाते रहने से आप अपने वित्तीय लक्ष्य को जल्दी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ साथ बड़े लक्ष्यों को भी आप आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। यदि आप अपने बचत में वृद्धि नहीं करेंगे तो महंगाई की वजह से आपकी बचत में बड़ोतरी नही हो पाएगी।

आप अपने एसआईपी (SIP) में कुछ ही परसेंट की बदोतरी के साथ साथ एक अच्छा अमाउंट रिटर्न में पा सकते हैं।

6. इन्वेस्ट करें

इन्वेस्टमेंट अमीर बनने की सबसे मुख्य कुंजी है। हर कोई अमीर आदमी आपको इन्वेस्टमेंट करने की सलाह जरूर देगा। यदि आप अपनी इन्वेस्टमेंट को अच्छी जगह में लगाएंगे तो आपको एक अच्छा रिटर्न्स देखने को मिलेगा। लेकिन आप अपनी इन्वेस्टमेंट को किसी भी जगह लगाते हैं, तो फिर आपको बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

अमीर बनने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके

7. फंड का प्रयोग दूसरे काम में न करें

आपको अपने फंड का पैसा कभी भी दूसरे चीजों को लेने के लिए प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। चाहे आपको कितनी भी जरूरत क्यों न पड़ें। इससे आपका मनी मैनेजमेंट पूरा खराब हो जाता है। और फिर आप एक बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।

8. इमरजेंसी फंड बनाना

निवेश को सुरक्षित बनाने का एक तरीका इमरजेंसी फंड को बनाना है। इस फंड की मदद से आप आकस्मिक आर्थिक विपत्ति से बच सकते है। इसकी मदद से आप अपनी किसी भी इन्वेस्टमेंट को मुसीबत की घड़ी में रोकने से बच जाते हैं।

9. लॉक इन वाले निवेश में लगाए पैसे

लॉक इन वाला निवेश, को आप निवेश को सेफ रखने का सबसे सुरक्षित तरीका समझ सकते हैं। क्युकी इसमें आप समय से पहले अपने निवेश को तोड़ नहीं सकते हैं। और यदि आपने तोड़ ली तो फिर आपको रिटर्न्स भी कम और एक बड़ा नुकसान देखने को अधिक मिलेगा।