आपने शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव को तो देखा ही होगा। जिसमें गिरावट और बढ़त जैसे खबरें आम होती हैं। तो जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है, यह सवाल आपके मन में भी जरूर आया होगा। आखिर कहां जाता है, आपका पैसा गंवाने के बाद।
तो चलिए आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताऊंगा कि आखिर जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है। क्या किसी के नुकसान होने पर किसी दूसरे निवेशक को फायदा होता है? आइए जानते हैं।
जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है–
जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है, इसको समझने से पहले आपका यह समझना जरूरी है, कि जब भी कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होती है, तो कंपनियों के शेयर में इंवेस्टर निवेश करते हैं। और जो कंपनी जितना अच्छा परफॉर्मेंस करती है, उस कंपनी के शेयर उतने ही बढ़ते जाते हैं। और कंपनी की डिमांड भी बड़ जाती है।

इसके साथ साथ जिन कंपनियों का खराब परफॉर्मेंस होता है, उन कंपनियों के शेयर प्राइस उतने ही कम होते चले जाते हैं। इसका मतलब यह है, कि कंपनी के अच्छा परफॉर्मेंस करने पर कंपनी में इंवेस्टर इन्वेस्ट करते हैं। और खराब प्रदर्शन होने पर इंवेस्टर अपनी इन्वेस्टमेंट को निकाल लेते हैं।
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जब शेयर मार्केट गिरता है, तो आपका पैसा कहां जाता है, तो इसका जवाब है, की आपका पैसा इंवेस्टर के पास ही जाता है। क्योंकि शेयर मार्केट एक सप्लाई और डिमांड के फॉर्मूले पर काम करता है। हर किसी इंवेस्टर को अपना फैसला सही ही लगता है। शेयर बेचने वाला सोचता है, की वह बेच कर एक अच्छा डिसीजन ले रहा है, वहीं खरीदने वाला सोचता है, कि वह इस समय शेयर को खरीद कर अच्छा फैसला ले रहा है।
माना किसी कंपनी के शेयर का प्राइस अभी 80 रुपए चल रहा है, और वह शेयर किसी A इंवेस्टर के आस पहले से मौजूद है, और उसको लगता है, की वह शेयर का प्राइस अब 80 से उप्पर न बढ़कर अब नीचे जा सकता है। वह उसको बेचना चाहता है, वहीं दूसरी तरफ B इंवेस्टर सोचता है, की इस कंपनी के शेयर प्राइस अभी और बढ़ सकता है। तो वह उस शेयर को खरीदना चाहता है।
दोनों ही इंवेस्टर A और B को लगता है, की वह दोनों अपना फैसला सही ले रहे हैं। लेकिन आपको बता दें, की जिस तरफ शेयर में बायर की संख्या अधिक होगी तो शेयर का प्राइस उप्पर और यदि सेलर की संख्या ज्यादा होगी तो शेयर का प्राइस नीचे की ओर चलने लगेगा।
और मार्केट में जिधर भी बायर या फिर सेलर का प्रेशर अधिक होगा, मार्केट उधर ही अपनी movement करेगा। किसी का पैसा डूब जाने पर वह पैसा किसी दूसरे इंवेस्टर के पास ही जाता है। मतलब की यदि यहां किसी इंवेस्टर का नुकसान हुआ है, तो उतना ही फायदा किसी दूसरे इंवेस्टर को हुआ होगा।
शेयर मार्केट कैसे चलता है
जब कोई भी व्यक्ति अपना बिजनेस स्टार्ट करता है, और उसको फंडिंग की जरूरत होती है। फंडिंग के ना मिलने पर वह व्यक्ति कंपनी बनाता है, और उस कंपनी को SEBI की मदद से स्टॉक मार्केट में उतारने का प्रयास करता है। सेबी के रूल और रेगुलेशन को पूरा करता है। और सेबी की मंजूरी मिलने पर वह स्टॉक मार्केट में लिस्टेड करते हैं।
शेयर बाजार में लिस्ट करने के लिए नई कंपनी का होना जरूरी नहीं है, पुरानी कंपनी भी शेयर मार्केट में लिस्टेड होती हैं। और जो कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड हो जाती है, उसमे इंवेस्टर इन्वेस्ट कर सकते हैं। और उस कंपनी का हिस्सेदार बन सकते हैं।
आपको बता दें, कि स्टॉक मार्केट में आने के लिए आपको BSE, या फिर NSE में रसिस्टर करवाना होता है। और जिस किसी भी कंपनी में निवेशक निवेश करता है, वह उस कंपनी का हिस्सेदार बन जाता है। यह हिस्सेदारी खरीदे गए शेयर की संख्या पर निर्भर करता है। शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर करता है। मार्केट में कंपनी और शेयर धारक के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर ही करते हैं।